Health

क्या होगा अगर 1 माह तक नहीं खाएंगे मैदा से बनी चीजें? शरीर को क्या होगा फायदा, जानें सब कुछ

हाइलाइट्स

मैदा छोड़ने का सबसे पहला प्रभाव शरीर पर यह पड़ता है कि इससे डाइजेशन बेहतर हो जाता है.
रिफाइंड फ्लोर या मैदा शरीर में इंफ्लामेशन को बढ़ाता है.

What Happens If You Give Up Maida: मैदा अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड होता है. यानी मैदा को जब गेंहू से बनाया जाता है तो पहले इसका छिलका हटाया जाता है. इससे यह प्रोसेस्ड हो जाता है. इसके बाद इसमें कई तरह के केमिकल मिलाकर इसे सॉफ्ट और सफेद बनाया जाता है. इस प्रक्रिया में गेंहू से छिल्का निकलने पर पूरा फाइबर और कई तरह के पोष्टिक तत्व निकल जाते हैं. अगर सीधे शब्दों में कहें सॉफ्ट और टेक्सचर को बेहतरीन बनाने के चक्कर में मैदा में कुछ भी पौष्टिक तत्व नहीं बचता है उपर से इसमें कई तरह के केमिकल भी मिल जाते हैं. मैदा से आप अपने घर में ही पकवान नहीं बनाते बल्कि आप हर रोज मैदा से बनी हुई कई चीजें खाते हैं.

हर रोज लोग ब्रेड, बिस्कुट, पैस्ट्रीज और कई तरह के स्नैक्स खाते हैं. ये सब मैदा से बने होते हैं. चूंकि मैदा से आवश्यक पोषक तत्व और डाइट्री फाइबर निकल जाता है. इस कारण इसमें सिर्फ कैलोरी बढ़ जाता है जिससे मोटापा बढ़ना लाजिमी है. मैदा कई मायनों में नुकसानदेह है. अगर मैदा या मैदा से बनी चीजों को आप एक महीने तक खाना छोड़ दें तो शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए फौलाद बन सकता है. इतना ही नहीं लाइफस्टाइल से संबंधित कई बीमारियों से भी आपको छुटकारा मिल सकता है. आइए जानते हैं कि मैदा को अगर एक महीने तक न खाया जाए तो शरीर पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा.

एक महीने तक मैदा नहीं खाने के शरीर पर प्रभाव

1. बेहतर डाइजेशन-इंडियन एक्सप्रेस की खबर ने न्यूट्रिशनिस्ट नुपूर पाटिल के हवाले से बताया है कि मैदा छोड़ने का सबसे पहला प्रभाव शरीर पर यह पड़ता है कि इससे डाइजेशन बेहतर हो जाता है. लेकिन जब आप मैदा से बनी चीजों को खाएंगे तो इसमें फाइबर नहीं रहने के कारण हमेशा डाइजेशन से संबंधित दिक्कतें होंगी. इसलिए बेहतर है कि मैदा की जगह साबुत गेंहू, बादाम का आटा, नारियल का आटा या मोटे अनाज के आटे से बनी रोटियों का सेवन करें.

2. ब्लड शुगर डाउन-जब आप मैदा से बनी चीजों को छोड़ देंगे तो ब्लड शुगर एकदम नीचे आ जाएगा. मैदा या रिफाइंड आटा शरीर के अंदर जाकर तेजी से ग्लूकोज में बदल जाता है जो ब्लड शुगर को बढ़ा देता है. इसलिए मैदा छोड़ने पर ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन रेजिस्टेंस बहुत कम हो जाएगा.

3. वजन कंट्रोल-मैदा या रिफाइंड फ्लोर में बहुत ज्यादा कैलोरी होती है जो तेजी से वजन को बढ़ाता है. लेकिन जब आप मैदा को छोड़ देंगे तो वजन हमेशा नियंत्रित रहेगा. इसके साथ ही यदि आप मैदा की जगह मिलेट या मोटे अनाज का सेवन करेंगे तो इसमें फाइबर की उच्च मात्रा देर तक भूख नहीं लगने देगी.

4.एनर्जी लेवल-मैदा शरीर में एनर्जी रिलीज को रोकता है. इसलिए जब आप मैदा खाना छोड़ेंगे तो इसके बदले में जो खाएंगे उससे शरीर में एनर्जी का लेवल बढञ जाएगा.

5. इंफ्लामेशन खत्म-रिफाइंड फ्लोर या मैदा शरीर में इंफ्लामेशन को बढ़ाता है. इंफ्लामेशन यानी सेल्स में जब सूजन होती है तो यह कई बीमारियों का कारण बनती है. इसलिए मैदा छोड़ने पर शरीर में इंफ्लामेशन नहीं होगा. इस तरह कई बीमारियां आप फटकेगी नहीं. एक तरह से शरीर रक्षात्मक प्रक्रिया को बढ़ा देगा.

इसे भी पढ़ें-धमनियों में जमा गंदगी को चूसकर बाहर निकाल देते हैं ये 5 चमत्कारिक आयुर्वेदिक हर्ब्स, बैड कोलेस्ट्रॉल हो जाता है फ्लश आउट

इसे भी पढ़ें-हेल्दी जीवन के लिए सिर्फ 8 सूत्र ही काफी, अपनाएंगे तो उम्र में 20 साल का हो जाएगा इजाफा, तन-मन से हमेशा रहेंगे खुश और जवान

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj