राबड़ी देवी और मीसा भारती पहुंचीं दिल्ली, जानिये क्या है जमीन के बदले नौकरी मामला?- land for jobs case rabri devi misa bharti reached delhi know in 7 points what is land for jobs case who is amit katyal – News18 हिंदी
पटना. बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी अपनी बेटी व राज्यसभा सांसद मीसा भारती के साथ बुधवार की शाम दिल्ली पहुंचीं. 9 फरवरी (शुक्रवार) को इन्हें लैंड फॉर जॉब्स मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होना है. कोर्ट ने बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है. ED की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को कोर्ट ने 9 फरवरी को पेश होने को कहा है.
बता दें कि इससे पहले इस केस में ED ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से 29 जनवरी को 10 घंटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से 30 जनवरी को 8 घंटे की पूछताछ कर चुकी है. वहीं कोर्ट का समन ED के अधिकारी ने 1 फरवरी को राबड़ी आवास आकर रिसीव कराया था और अब इनकी पेशी कल राउज एवेन्यू कोर्ट में भी होगी.
जानिए क्या हैं आरोप?
सीबीआई का आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 के बीच लैंड फॉर जॉब्स स्कैम किया था.
जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में आरोप है कि लालू परिवार के सदस्यों के नाम जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई गई थी.
बिना विज्ञापन जारी किए आनन-फानन में नौकरी दी गई थी,
ईडी के अनुसार, ये नौकरियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जोन में दी गई थी.
लालू यादव के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली थी.
उस समय सर्किल रेट के अनुसार, जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड रुपए थी.
लैंड ट्रांसफर से ज्यादा केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया था.
क्या है लैंड फॉर जॉब्स घोटाला?
वर्ष 2004 से 2009 तक लालू यादव UPA-1 सरकार में रेल मंत्री थे. इस दौरान लालू यादव के मंत्री रहते रेलवे में ग्रुप D में भर्तियां की गई थीं. आरोप के अनुसार, अभ्यर्थियों से नौकरी के बदले घूस में जमीन ली गई थी. ईडी की चार्जशीट के अनुसार, लालू परिवार को 7 जगहों पर जमीनें मिलीं. लालू परिवार पर 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. आरोप है कि लालू ने परिजनों के नाम पर नौकरी के बदले जमीनें रिश्वत में ली थीं. आरोप के अनुसार, जिन लोगों को ये नौकरी मिली उन्हें अपनी जमीन तक देनी पड़ी. कई लोगों को तो आवेदन देने के 3 दिन में ही नौकरी दे दी थी.
कौन हैं अमित कात्याल?
लैंड फॉर जॉब्स घोटाले में एक नाम अमित कात्यालय का बार-बार सामने आता है. बता दें कि लालू परिवार के कथित सहयोगी अमित कात्याल एक व्यवसायी है और एके इन्फोसिस्टम्स के प्रमोटर हैं. ये कंपनी भी जमीन के बदले नौकरी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रही है. नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में गिरफ्तार अमित कात्याल और उसकी कंपनी ईडी के साथ सीबीआई की जांच के दायरे में भी है.
सीबीआई की छानबीन में अमित कात्याल के खिलाफ कई साक्ष्य मिलने की बात कही जा रही है. यह बात सामने आई है कि यह कथित घोटाला 2004 से 2009 के बीच यूपीए-1 शासन में हुआ था. उस दौरान लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. इस कार्यकाल में भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था. बदले में इनमें से कई लोगों ने अपनी जमीन लालू परिवार के सदस्यों (इसमें तेजस्वी यादव भी शामिल हैं) और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी.
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FIRST PUBLISHED : February 8, 2024, 11:22 IST