5 changes in tongue indicate dangerous diseases : जीभ में ये 5 संकेत खतरनाक बीमारी

5 Sign of Tongue meaning:जब भी आप डॉक्टर के पास जाते हैं वह सबसे पहले जीभ और आंखें देखते हैं. क्या आपको पता है कि वे ऐसा क्यों करते. दरअसल, जीभ में बदलाव कई बीमारियों के पूर्व संकेत हैं. इसलिए यदि आप जीभ में बदलाव को नजरअंदाज करेंगे तो यह घातक बीमारियों को दावत भी दे सकता है. एक्सपर्ट का मानना है कि जीभ हमारे पूरे शरीर का दर्पण होती है. अगर बॉडी में कुछ इंफेक्शन होती है, पोषक तत्वों की कमी है यहां तक कि कैंसर भी होती है तो भी इसके संकेत जीभ में दिख जाते हैं. आइए जानते हैं कि जीभ में किस संकेत के क्या मतलब है.
जीभ में ये संकेत घातक
1. काली और रोएंदार दिखने वाली जीभ- टीओआई की खबर के मुताबिक अगर जीभ का रंग काला और बालों जैसी दिखने लगे तो इसे ब्लैक हेरी टंग कहा जाता है. यह इम्यूनिटी कमजोर होने, एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग करने और डायबिटीज तक के संकेत हो सकते हैं. कभी-कभी ये HIV जैसी गंभीर बीमारियों के कारण भी हो सकती है. एक अध्ययन के अनुसार, यह स्थिति तब होती है जब जीभ की सतह पर मौजूद छोटी उभारे अत्यधिक बढ़ जाती हैं और वे बैक्टीरिया या यीस्ट को फंसा लेती हैं.
2. लाल चकत्ते-जीभ पर अगर कोई चकत्ता ठीक नहीं हो रहा है, खासकर अगर वह लाल, चिकना या थोड़ा उभरा हुआ है, तो यह कहीं ज्यादा गंभीर हो सकता है. चिकित्सकीय भाषा में ऐसे धब्बों को एरिथ्रोप्लेकिया (Erythroplakia) कहा जाता है. यह कैंसर के सामने आने से पहले का घाव हो सकता है. इसलिए जीभ पर कभी भी चकत्ते दिखें तो इसे गंभीरता से लेनी चाहिए. अध्ययनों से पता चला है कि मुंह में लगातार बने रहने वाले लाल घावों के कैंसर में बदलने की आशंका सफेद घावों की तुलना में अधिक होती है. खासकर यदि इन लाल चकत्तों के साथ दर्द या सूजन भी हो, तो यह तत्काल जांच की चेतावनी हो सकती है.
3. गंजे जैसी दिखने वाली जीभ-अगर जीभ चिकनी, चमकदार और गंजे जैसी दिख रही हो, जिसमें छोटी-छोटी उभारें (पपिला) गायब हों, तो यह आयरन, फोलेट या विटामिन B12 की कमी का संकेत हो सकता है. कुछ मामलों में यह स्थिति सीलिएक रोग या पाचन तंत्र में पोषक तत्वों के अवशोषण में गड़बड़ी वाले लोगों में भी देखी जाती है. ऐसी जीभ अक्सर लाल दिख सकती है और उसमें जलन या दर्द भी हो सकता है. यदि इस पर ध्यान न दिया गया, तो यह थकान, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, या यहां तक कि अनीमिया जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है.
4. जीभ पर गहरी दरारें- कुछ हल्की-फुल्की दरारें कॉमन और बिना वाली होती हैं. लेकिन जब ये दरारें गहरी, फैलावदार और दर्दनाक हो जाएं तो यह स्जोग्रेन सिंड्रोम जैसी स्थितियों की ओर संकेत कर सकती हैं. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर अपनी ही नमी बनाने वाली ग्रंथियों पर हमला करता है. कुछ मामलों में, गहरी दरारें पुरानी फंगल इंफेक्शन या विटामिन की कमी से भी जुड़ी हो सकती हैं. मसालेदार खाना खाते समय यह काफी असहजता पैदा कर सकता है. अगर जीभ पर दरारें मुंह और आंखों में सूखापन के साथ दिखाई दें तो यह केवल माउथवॉश से ठीक नहीं होगा. इसे डॉक्टर से दिखाना होगा.
5. सफेद लेस जैसी आकृतियां-अगर जीभ या मुंह में सफेद, लेस जैसी आकृतियां दिखाई दें जो टंग क्लीनर से साफ न हो तो यह ओरल लाइकेन प्लानस नामक स्थिति का संकेत हो सकती है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो मुंह की म्यूकस झिल्ली को प्रभावित करता है. कभी-कभी यह दर्दरहित होता है, तो कभी जलन पैदा कर सकता है. लेकिन इस स्थिति में डॉक्टर से दिखाने की जरूरत होती है.
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