World

Pakistan: शाहबाज़ शरीफ ही बने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री, अब सोमवार को लेंगे शपथ | Shahbaz Sharif becomes the new Prime Minister of Pakistan

अब शाहबाज़ शरीफ कल यानी सोमवार 4 मार्च को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में सभी नेताओं को बुलावा भेजने की तैयारी की जा रही है। अब पाकिस्तान में जल्द ही गठबंधन की सरकार का गठन होगा और ये गठन शाहबाज शरीफ की PMLN और बिलावल भुट्टो की PPP में होगा, इसके साथ ही कई छोटी पार्टियों का समर्थन भी शाहबाज़ को मिला है।

गठबंधन में आ रही थीं कई दिक्कतें दरअसल पाकिस्तान के चुनाव के नतीजों ने किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं दिया है। इसलिए मुख्य पार्टियां इमरान खान (Imran Khan) की PTI, नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की PML-N और बिलावल भुट्टो की PPP ने जोड़तोड़ और गठबंधन की सिय़ासत खेल खेला। बिलावल भुट्टो के PML-N को समर्थन देने के बाद पार्टी के अध्यक्ष शाहबाज़ शरीफ ने प्रेस-कांफ्रेंस कर ये भी बता दिया था कि उनका पार्टी से ही अब देश को नया प्रधानमंत्री मिलेगा। लेकिन PPP और PML-N के एक साथ आने के बावजूद वो बहुमत को छू भी नहीं पा रहे थे, ऐसे में उन्हें पाकिस्तान (Pakistan) के दूसरे सियासी दलों और निर्दलियों का भी साथ लेना पड़ा।

क्या था Pakistan का चुनावी गणित ? 10 फरवरी को आए पाकिस्तान के चुनाव नतीजों ने हर किसी को हैरान कर दिया था, क्योंकि इन नतीजों में किसी को भी बहुमत नहीं मिला। पाकिस्तान में 266 सीटों पर मतदान हुआ था। जबकि यहां की नेशनल एसेंबली में 366 सीटें हैं, बाकी 70 सीटें आरक्षित हैं। इनमें से 10 सीटें गैर मुस्लिमों के लिए हैं और बाकी 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इस चुनाव में इमरान खान की PTI ने 93 सीटें जीतीं, नवाज़ शरीफ़ की PML-N को महज़ 75 सीटें मिलीं और बिलावल भुट्टो की PPP को 54 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। इनके अलावा दूसरे छोटे दलों को 21 सीटें मिली हैं। लेकिन सरकार के लिए जिस मैजिक नंबर यानी बहुमत की जरूरत थी, उसका आंकड़ा 134 था, जो इनमें से किसी भी दल के पास नहीं था।

ये भी पढ़ें- Israel-Palestine War: राफा के शरणार्थी कैंप पर नाची मौत, 11 की गई जान

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj