जिला परिषद सदस्य के शरीर पर मिले 3 सुराख से बेगूसराय प्रशासन में क्यों मची है खलबली?
हाइलाइट्स
जिला परिषद सदस्य शिवचंद्र महतो की हादसे में मौत हुई या हत्या हुई?शव में गले के पास तीन सुराख मिलने के बाद सड़क पर उतर आए लोग.बेगूसराय के जिला परिषद सदस्य का दोबारा कराया जाएगा पोस्टमार्टम.
बेगूसराय. क्या बेगूसराय की पुलिस हत्या के मामले को भी एक्सीडेंट का रूप देने में जुटी हुई है? क्या पुलिस अपनी साख बचाने के लिए हत्या जैसे मामले को भी नया मोड़ दे रही है? वहीं, स्वास्थ्य महकमा भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि पोस्टमार्टम में बुलेट इंज्यूरी की बात नहीं बताई गई थी. लेकिन जब परिजनों ने देखा तो मृतक शिवचंद्र महतो के शरीर में तीन सुराख मौजूद थे. परिजनों की शिकायत के बाद शिवचंद्र महतो का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर पूरा माजरा क्या है?
शिवचंद्र महतो बेगूसराय जिले के जिला परिषद क्षेत्र संख्या 18 के जिला परिषद सदस्य थे. इसके पहले शिवचंद्र महतो पूर्व में जदयू के सक्रिय सदस्य रहे थे. लेकिन पिछले 6 महीने पहले उन्होंने जन सुराज पार्टी को जॉइन किया था और आने वाले विधानसभा चुनाव में विधायक के टिकट के लिए भी प्रयासरत थे. इसी बीच शुक्रवार की शाम का शव तेघड़ा थाना क्षेत्र के पीढौली कुश्ती ढाला के समीप बरामद किया गया था. पुलिस के अनुसार, जब शिवचंद्र महतो अपनी बाइक से वापस लौट रहे थे उसी क्रम में किसी बड़ी वाहन की चपेट में आने से उनकी घटनास्थल पर ही मौत हुई थी. आनन- फानन में स्थानीय लोगों ने उन्हें तेघरा अनुमंडलीय स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद ही उन्हें मृत घोषित कर दिया था. लेकिन, यहीं से शुरू होती है स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की लापरवाह कार्यशैली की कहानी.
शरीर पर सुराख देख परिजनों में कोहराम मच गयादरअसल, कि परिजन जब शव को बरामद कर अंतिम संस्कार के लिए ले गये और जब चिता पर शिवचंद्र महतो के शव को लिटाया गया तो उसी वक्त परिजनों ने देखा कि उनके शरीर पर कई सुराख मौजूद थे. इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. फुलवरिया थाना क्षेत्र के बागराहा डीह के समीप एनएच 28 को जामकर प्रदर्शन भी किया गया. परिजनों के हंगामा के बाद भी बाद पुलिस हरकत में आई और लोगों को समझा बुझाकर किसी तरह जाम को खाली करवाया एवं दोबारा पोस्टमार्टम का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया. वहीं, अब स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि बेगूसराय में पोस्टमार्टम हो चुका है अब इनके बेहतर पोस्टमार्टम के लिए फोरेंसिक टीम की देखरेख में कहीं अन्यत्र पोस्टमार्टम कराया जाएगा. इसको लेकर एक बार फिर परिजनों में आक्रोश है.
स्वास्थ्य विभाग तो नियम पालन ही नहीं करताइस घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं, मसलन अगर तेघड़ा अनुमंडलीय स्वास्थ्य केंद्र में जब शिवचंद्र महतो की जांच की जा रही थी, क्या उस वक्त डॉक्टर ने शिवचंद्र महतो के शव में बुलेट इंज्यूरी की पुष्टि क्यों नहीं की गई? सवाल यह भी कि जब सदर अस्पताल में शिवचंद्र महतो का पोस्टमार्टम कराया गया तो आखिर चिकित्सकों ने वहां भी बुलेट इंज्यूरी की बात क्यों नहीं बताई? बता दें कि नियम के मुताबिक, पोस्टमार्टम में पूरे शरीर का अंत: परीक्षण किया जाता है. ऐसे में सवाल यह कि क्या बेगूसराय सदर अस्पताल में सुयोग्य चिकित्सक नहीं हैं? ऐसे कई सवाल अब लोगों के द्वारा उठाए जा रहे हैं.
कटघरे में खड़ा बेगूसराय का पुलिस महकमावहीं, पुलिस महकमे पर भी यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर हत्या जैसे मामले को पुलिस हादसे का रूप देने में क्यों जुटी हुई है. क्या पुलिस सिर्फ अपनी नाक बचाने के लिए बड़े मामलों में भी फेरबदल कर रही है. पूरा मामला सामने आने के बाद अब परिजनों के साथ-साथ राजनीतिक दल के लोग भी पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की निंदा कर रहे हैं और तमाम सवाल उठा रहे हैं. बहरहाल,अब देखने वाली बात होगी कि आखिर उक्त मामले का उद्भेदन कर पुलिस अपनी साख बचाने में कामयाब हो पाती है या फिर पुराने मामलों की तरह इसमें भी सिर्फ लीपापोती कर दी जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : December 1, 2024, 07:54 IST