A memorial built in Sri Ganganagar brings back memories of Ghazal emperor Jagjit Singh, he did his UG-PG from here, his father was a government employee

Last Updated:March 13, 2025, 15:50 IST
जगजीत सिंह, गजल सम्राट, का जन्म 1941 में श्रीगंगानगर में हुआ था. उन्होंने संगीत की शिक्षा उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल से ली. श्रीगंगानगर में उनके स्मारक में उनकी यादें संजोई गई हैं.X
श्रीगंगानगर में बना जगजीत सिंह का स्मारक भवन.
हाइलाइट्स
गजल सम्राट जगजीत सिंह का जन्म 1941 में श्रीगंगानगर में हुआ था.श्रीगंगानगर में उनके घर पर स्मारक बनाया गया है.जगजीत सिंह ने उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल से संगीत सीखा.
श्रीगंगानगर:- अपनी गायकी से दुनियाभर में नाम कमाने वाले जगजीत सिंह ने संगीत प्रेमियों के दिलो में खास जगह बनाई है. जगजीत सिंह दुनियाभर में गजल सम्राट के नाम से जाने जाते हैं. जगजीत का जन्म 1941 में राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में हुआ था. श्रीगंगानगर में सिविल लाइंस में जिस घर में जगजीत सिंह पले बढ़े, आज वहां एक स्मारक बनाया गया है.
उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल से ली शिक्षाउस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से जगजीत सिंह ने संगीत की शिक्षा ली, जिसके बाद उन्होंने जालंधर के डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. जगजीत सिंह के दोस्त बताते हैं कि जगजीत सिंह मुंबई भले ही चले गए थे, लेकिन श्रीगंगानगर उनके दिल में हमेशा बसता रहा.
गजल सम्राट ने राष्ट्रीय कला मंदिर में काफी रियाज किया और जब वे श्रीगंगानगर आए, तो एक कॉन्सर्ट में हिस्सा लिया और कॉन्सर्ट की कमाई को उन्होंने राष्ट्रीय कला मंदिर के भवन के लिए डोनेट कर दिया. जगजीत सिंह के बारे में कहा जाता है कि जब चित्रा शोम से उनकी मुलाकात हुई, तब वो शादीशुदा थीं और एक बेटी मोनिका भी थी. दोनों एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में मिले थे.
श्रीगंगानगर में बनाया गया स्मारकजगजीत सिंह के स्मारक में उनकी जुड़ी यादों को संजोया गया. उनके दोस्त बताते हैं कि श्रीगंगानगर हमेशा जगजीत सिंह के दिल में रहा. वे मुंबई जाने के बाद भले ही श्रीगंगानगर कम आ पाए, लेकिन यहां के लोगों को और यहां की जगहों को वे हमेशा याद करते रहे.
पिता थे सरकारी कर्मचारीजगजीत के पिता राज्य सरकार के कर्मचारी थे और श्रीगंगानगर में पोस्टिंग के दौरान वे यहां रहे थे. जगजीत ने कॉलेज तक की पढ़ाई यहां के सरकारी कॉलेज से की. अब इस कॉलेज को डॉ. भीमराव अंबेडकर गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के नाम से जाना जाता है. यहां से पंजाब गए और वहां से मुम्बई तक का सफर तय किया. जगजीत सिंह के बुलंदिया छू लाने के बाद शहर लोग उनके श्रीगंगानगर से जुड़े होने पर हमेशा गर्व महसूस करते रहे हैं.
First Published :
March 13, 2025, 15:50 IST
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‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो’…गजल सम्राट जगजीत सिंह की अमिट यादें!