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बेहद चमत्कारी है जीण माता का मंदिर! यहां के काजल से दूर होते हैं नेत्र रोग! जानें मान्यता

Last Updated:April 03, 2025, 15:51 IST

Jeen Mata Temple Rajasthan: खाटूश्याम जी मंदिर से 28 किलोमीटर दूर सिद्ध पीठ मां जीण भवानी का चमत्कारी मंदिर मौजूद है. यहां जीण माता ने तपस्या की थी और यहां आज भी अखंड दिव्य जोत जल रही है. इस बारे में मंदिर के र…और पढ़ेंX
काजल
काजल शिखर पर स्थित जीण माता और हर्ष भैरव का मंदिर 

हाइलाइट्स

जीण माता मंदिर में अखंड दिव्य जोत जलती है!भक्त यहां काजल लेने आते हैं, जिससे नेत्र रोग दूर होते हैं!मंदिर राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है!

सीकर: विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम जी मंदिर से 28 किलोमीटर दूर सिद्ध पीठ मां जीण भवानी का चमत्कारी मंदिर मौजूद है. खाटूश्याम जी मंदिर में दर्शन के बाद अधिकांश भक्त जीण माता के दर्शन के लिए जरूर आते हैं. इस मंदिर की कहानी बहुत रोचक है, बताया जाता है, ननद भोजाई की लड़ाई में जीण माता देवी बनीं और भाई हर्ष भैरव बने. जीण माता का यह मंदिर राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में से एक है. मंदिर के पास एक पहाड़ी पर जीण माता और हर्ष भैरव का एक साथ मंदिर है. यह वही जगह है जहां जीण माता ने तपस्या की थी, मंदिर पुजारियों के अनुसार यहां आज भी जीण माता के द्वारा जलाई अखंड दिव्य जोत जलती है.

ऐसे हुआ जगह का नाम काजल शिखर लोक कथाओं व इतिहासकारों के अनुसार दसवीं सदी में चूरू जिले के घांघू गांव में जन्मे भाई हर्ष और बहन जीण के बीच अटूट प्रेम था, लेकिन भाभी के षड्यंत्र के कारण दुखी होकर जीण घर छोड़कर तपस्या करने के लिए सीकर जिले की अरावली पहाड़ियों पर चली आईं और जीण धाम की काजल शिखर नामक पहाड़ी चोटी पर आकर बैठ गईं. जिसके बाद वह असीम दुख के साथ रोने लगीं. बताया जाता है, जीण इतना रोईं कि उनके आंसुओं से पूरा पहाड़ भीग गया, और आज वही पहाड़ काजल शिखर के नाम से विख्यात है.

जयंती माता में विलीन हुई जीण माता वहीं, जीण के पीछे- पीछे भाई हर्ष भी मनाने के लिए वहां आए. भाई हर्ष ने जीण को मनाने के लिए हर प्रकार के जतन किए, लेकिन वह नहीं लौटीं, इसके बाद भाई हर्ष ने भी बहन के साथ तपस्या करने की ठानी, इसके बाद भाई हर्ष ने भी दूर ऊंची पहाड़ी पर जाकर भगवान शिव की तपस्या शुरू कर दी. ऐसे में दोनों पहाड़ सामने होने के कारण बहिन जीण ने यह सोचा कि यदि भाई सामने दिखेगा तो मेरी तपस्या व देवत्व ध्यान भंग हो जाएगा इसलिए शिखर से छलांग लगा देती है और वहां स्थित जयंती देवी की ज्योत में विलीन हो गईं. इस बारे में मंदिर के रजत पुजारी ने बताया, कि भक्त इस अखंड ज्योत से काजल लेने के लिए आते है. यहां का काजल आंखों में लगाने से नेत्र रोग दूर हो जाते हैं.

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

April 03, 2025, 15:51 IST

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जीण माता का मंदिर! यहां के काजल से दूर होते हैं नेत्र रोग! जानें मान्यता

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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