Bhairon Singh Shekhawat ancestral village know condition

Last Updated:April 18, 2025, 13:54 IST
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत सीकर जिले के दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के खाचरियावास गांव के रहने वाले थे. दांतारामगढ़ विधानसभा से ही बाबोसा ने अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ा था.X
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत
हाइलाइट्स
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत का पैतृक गांव खाचरियावास है.भैरों सिंह शेखावत ने थानेदार से उपराष्ट्रपति बनने का सफर तय किया.खाचरियावास में उनका घर अब जर्जर अवस्था में है.
सीकर:- पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत को कौन नहीं जानता. पूरा देश इन्हें बाबोसा के नाम से जानता है. कठिन परिश्रम और ईमानदारी से बाबोसा ने थानेदार से देश के उपराष्ट्रपति बनने का सफर तय किया था. छोटे से गांव से निकलकर बाबोसा ने राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश की बागडोर संभाली थी.
उनके स्वर्गवास के बाद आज भी देश के लोग उनके राजनीतिक विरासत और उनके जीवन के बारे में हर पल नया जानने की कोशिश करते हैं. ऐसे में आज लोकल 18 आपको बाबोसा के पैतृक घर और गांव के बारे में बताएगा, जहां से उन्होंने अपना बचपन बिताया और कई संघर्षों के बाद अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी.
बाबोसा का पैतृक गांव था खाचरियावासपूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत सीकर जिले के दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के खाचरियावास गांव के रहने वाले थे. दांतारामगढ़ विधानसभा से ही बाबोसा ने अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ा था. आज भी खाचरियावास गांव में भैरो सिंह शेखावत का नाम बड़े अदब से लिया जाता है. भैरो सिंह शेखावत ने लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी बनवाया था, आज इस समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रोजाना सैकड़ों लोग इलाज के लिए आते हैं.
बाबोसा जिस घर में रहते थे, आज वो जर्जरखाचरियावास गांव के रहने वाले बाबूलाल हल्दुनिया ने बताया कि स्वर्गीय भैरो सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री व भारत के उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचने के बाद भी वे बड़े साधारण जीवन जीते थे. उनका घर खाचरियावास के मुख्य बस स्टैंड पर आज भी है. लेकिन, अब यहां पर कोई नहीं रहता है. देखरेख के अभाव में जिस घर में बाबा सा बचपन से बड़े हुए, वह हवेली जर्जर अवस्था में है. अब उनका अधिकांश परिवार गांव में नहीं रहता है. इनके घर के पीछे भगवान शिव का मंदिर है, वहां बाबोसा और उनकी पत्नी की प्रतिमा लगी है. जब गांव में कोई शुभ कार्य होता है, तो बाबोसा की प्रतिमा को पहले निमंत्रण भेंट किया जाता है.
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
April 18, 2025, 13:54 IST
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भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति भैरव सिंह शेखावत का पैतृक गांव, आज भी विरासत बरकरार