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gunja plant very beneficial for body know health benefits

Last Updated:April 20, 2025, 13:28 IST

प्रकृति में एक ऐसी औषधि है, जिसे किंकिनी और रत्ती भी कहा जाता है. पुराने समय में सोना, चांदी या रत्नों को तौलने के लिए गूंजा के बीजों (रत्ती) का प्रयोग किया जाता था. एक रत्ती का वजन लगभग 121 मिलीग्राम होता है.X
गुंजा
गुंजा औषधि को किंकिनी और रत्ती भी कहा जाता है. 

हाइलाइट्स

गूंजा पौधा मासिक धर्म की अनियमितता ठीक करता है.गूंजा के बीज जोड़ों के दर्द और त्वचा रोगों में उपयोगी हैं.गूंजा के बीज लक्ष्मी पूजा और तंत्र साधना में उपयोगी हैं.

जयपुर:- प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं, जो आयुर्वेद और हिन्दू धर्म दोनों में बहुत फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक औषधीय पौधा है गुंजा. इस पौधे का उपयोग कर अन्य आयुर्वेदिक दवाइयां बनाई जाती हैं. आयुर्वेदिक डॉक्टर बजरंग लाल देवत ने लोकल 18 को बताया कि गूंजा औषधि को किंकिनी और रत्ती भी कहा जाता है. पुराने समय में सोना, चांदी या रत्नों को तौलने के लिए गूंजा के बीजों (रत्ती) का प्रयोग किया जाता था. एक रत्ती का वजन लगभग 121 मिलीग्राम होता है.

जोड़ों के दर्द में कारगरवहीं, इसके आयुर्वेदिक महत्व की बात करें, तो गूंजा के पत्तों का लेप बालों में लगाने से लाभ मिलता है. इसके अलावा बीजों से बनी औषधि का उपयोग जोड़ों के दर्द में किया जाता है. हिंदू धर्म में भी इस पौधे का विशेष महत्व है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने Local 18 को बताया कि गूंजा के बीजों का उपयोग लक्ष्मी पूजा और तंत्र साधना में होता है.

इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और धन आकर्षण के लिए इसे तिजोरी में रखने की परंपरा है. इसके अलावा गूंजा के बीजों का उपयोग कुछ विशेष तांत्रिक प्रयोगों और रक्षा कवच निर्माण में भी किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होता है.

गूंजा के आयुर्वेदिक फायदेआयुर्वेदिक डॉक्टर बजरंग लाल देवत ने बताया कि आयुर्वेद में इसे विशेष प्रक्रिया के बाद गूंजा औषधि का उपयोग किया जाता है. गूंजा की पत्तियों से बना तेल बालों की जड़ों को मज़बूती देता है. इससे बाल झड़ना, डैंड्रफ और समय से पहले सफेद होने की समस्या में लाभ होता है. इसके बीजों से बना तेल भी सिर पर लगाने से बाल घने और मजबूत होते हैं. इसके अलावा गूंजा वातहर औषधि मानी जाती है, जिससे गठिया, जोड़ दर्द, घुटनों की सूजन, पीठ दर्द आदि में राहत मिलती है. इसके बीजों का लेप जोड़ों पर करने से सूजन और दर्द कम होता है.

त्वचा रोगों में फायदेमंदआयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, कुष्ठ रोग, फोड़े-फुंसी, एक्जिमा, दाद, खुजली आदि त्वचा संबंधी रोगों में गूंजा के जड़ और बीज से बनी औषधियां कारगर होती है. इसके बीजों का उपयोग विशेष शोधन के बाद त्वचा पर लगाने के लिए किया जाता है. गूंजा की जड़ और बीजों का सेवन पेट के कीड़ों को समाप्त करता है. विशेषकर बच्चों के कृमि रोगों में इसका शुद्ध चूर्ण उपयोगी माना जाता है. इसके अलावा आयुर्वेद में गूंजा का प्रयोग मासिक धर्म की अनियमितता को ठीक करने में भी होता है.

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

April 20, 2025, 13:28 IST

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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