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India Pakistan War 1971 : पाकिस्तान की बुजदिली की कहानी सुनाते हैं उसके ‘पैटन टैंक’, जोधपुर में इनको देख हंसते हैं लोग, पढ़ें पूरी कहानी

Last Updated:April 27, 2025, 15:21 IST

India Pakistan War Story : जोधपुर के रासला रोड चौराहा और महावीर उद्यान में रखे गए पाकिस्तान के T-59 पैटन टैंक उसकी बुजदिली की कहानी सुनाते हैं. जानें क्या है पूरी कहानी और क्यों लोग इनको देखकर हंसते हैं.पाकिस्तान की बुजदिली की कहानी सुनाते हैं उसके 'पैटन टैंक', देखकर हंसते हैं लोग

जोधपुर में चौरोह पर प्रदर्शित किया गया पाकिस्तानी पैटन टैंक.

हाइलाइट्स

जोधपुर में पाकिस्तानी T-59 पैटन टैंक प्रदर्शित हैं.1971 युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने टैंक छोड़कर भागा.ये टैंक पाकिस्तान की हार और बुजदिली की कहानी सुनाते हैं.

जोधपुर. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है. विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच आज तक जितने भी युद्ध हुए हैं उनमें पाकिस्तान की करारी हार हुई है. 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था. उस समय पाकिस्तान के पास सबसे उन्नत तकनीक के T-59 पैटन टैंक थे. लेकिन जब भारतीय सैनिकों ने अपने युद्ध कौशल और हौसले के दम पर पाकिस्तान की सेना पर कहर बरपाया तो पाकिस्तान की सेना अपने पैटन टैंक युद्ध मैदान में छोड़कर भागने लगी. उसके पैटन टैंक आज भी जोधपुर में मौजूद हैं. जोधपुर के दो चौराहों पर खड़े पाकिस्तान के ये पैटन टैंक उसकी बुजदिली की कहानी बयां करते हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि जिस पैटन टैंक के भरोसे पाकिस्तान की सेना ने युद्ध में कदम रखा था उसे उन्हीं को युद्ध मैदान में छोड़कर भागना पड़ा था. इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर युद्ध बंदी बना लिया था. लोंगेवाला में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पैटन टैंकों का कब्रिस्तान बना दिया था. इस युद्ध के दौरान जोधपुर के सलोड़ी निवासी जोराराम बिश्नोई टैंक ट्रांसपोर्टर का काम करते थे.

जोधपुर में दो चौराहों पर रखा गया है इन टैंकों कोपाकिस्तानी सैनिक अपने टैंक छोड़-छोड़कर भागने लगे. पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से छोड़े गए T-59 पैटन टैंकों को जोराराम बिश्नोई ने 13 दिन में परिवहन किया था. इनमें से दो पाकिस्तानी टैंक जोधपुर में लाए गए थे. इनमें से एक जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित महावीर उद्यान में रखा गया है और दूसरा रासला रोड से बनाड़ रोड की तरफ जाने वाली रोड पर रखा गया है.

ये टैंक हर पीढ़ी को पाकिस्तान की हार की कहानी सुनाते हैंजोधपुर में प्रदर्शित ये टैंक पाकिस्तान की बुजदिली की जिंदा निशानी हैं. 1971 से लेकर अब तक हर पीढ़ी को यह टैंक पाकिस्तान की हार की कहानी सुनाते हैं. जोधपुर के युवा जब पाकिस्तान की तरफ से युद्ध की धमकी के बारे में सुनते हैं तो उनके चेहरे पर हंसी आ जाती है. क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान की बुजदिली के सबूत को कई बार देखा है. वे जानते हैं कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो एक बार फिर पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ेगी.

Location :

Jodhpur,Jodhpur,Rajasthan

First Published :

April 27, 2025, 15:21 IST

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पाकिस्तान की बुजदिली की कहानी सुनाते हैं उसके ‘पैटन टैंक’, देखकर हंसते हैं लोग

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