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कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद सिर्फ 0.06% लोगों के हॉस्पिटल जाने की रहती है संभावना: स्टडी

अध्‍ययन में खुलासा, वैक्‍सीन लगवाने वाले 97.38 फीसदी लोग संक्रमण से सुरक्षित.

अध्‍ययन में खुलासा, वैक्‍सीन लगवाने वाले 97.38 फीसदी लोग संक्रमण से सुरक्षित.

कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) को लेकर किए गए एक ताजा अध्‍ययन में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि वैक्‍सीन (Vaccine) लगवाने वाले 97.38 फीसदी लोग संक्रमण से सुरक्षित रहे हैं.

नई दिल्ली. देश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) ने कोहराम मचा रखा है. हर दिन कोरोना के आंकड़े डरा रहे हैं. कोरोना की इस जंग में वैक्‍सीन (Vaccine) को सबसे बड़े हथियार के रूप में देखा जाने लगा है. कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) को लेकर किए गए एक ताजा अध्‍ययन में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि वैक्‍सीन लगवाने वाले 97.38 फीसदी लोग संक्रमण से सुरक्षित रहे हैं. वहीं जो लोग संक्रमित भी हुए हैं उनमें से महज 0.06 फीसद लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने शनिवार को वैक्‍सीन लगने के बाद संक्रमित हुए लोगों पर किए एक अध्ययन के नतीजे सामने रखे हैं. अध्‍ययन में बताया गया है कि कोरोना का टीका लगा चुके लोगों में संक्रमण की संभावना बेहद कम रही और जो लोग संक्रमित हुए उनके आइसीयू में भर्ती होने या मौत की नौबत नहीं आई. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली ने ये अध्‍ययन उन स्वास्थ्यकर्मियों पर किया है, जिनमें कोविशील्ड वैक्सीन लगने के पहले 100 दिनों के अंदर कोविड के लक्षण आए.

इसे भी पढ़ें :- वैक्सीन लगी हो या नहीं, कोरोना से बचाव के लिए इन तीन बातों का रखें ध्यानअपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अनुपम सिब्बल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘भारत में  टीकाकरण अभियान के बीच, कोविड -19 की दूसरी लहर में मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है. टीका लगाने के बाद भी कुछ लोग संक्रमित हो रहे हैं.  जिसे ब्रेकथ्रू संक्रमण कहा जाता है. ये संक्रमण कुछ व्यक्तियों में आंशिक और पूर्ण टीकाकरण के बाद हो सकते हैं.’ इसे भी पढ़ें :- कोरोना वैक्सीन लगने के बाद 28 दिनों तक साइड इफेक्ट पर रखी जाए नजर ये स्टडी 3235 स्वास्थ्य कर्मियों पर किया गया. स्टडी के दौरान पता चला है कि इसमें से 85 मेडिकल स्टाफ कोरोना से संक्रमित हो गए. इसमें से 65 स्टाफ (2.62%) को वैक्सीन की दोनों डोज़ दी गई थी जबकि 20 (2.65%) लोगों को वैक्सीन की सिर्फ एक डोज़ मिली थी. इस दौरान वायरस का महिलाओं पर काफी ज्यादा असर दिखा. खास बात ये रही कि ज्यादा या कम उम्र से संक्रमण पर कोई फर्क नहीं पड़ा.





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