Agriculture department made a big change in the Farm Pound scheme if you miss them you will not get subsidy

सीकर. गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए कृषि विभाग ने फॉर्म पौंड योजना में बदलाव किया है. इस योजना के तहत सिंचाई के दौरान पानी की बचत को बढ़ावा देने के लिए खेत में तलाई बनाने को लेकर नई शर्त जोड़ दी है. अब किसानों को फॉर्म पौंड योजना की सब्सिडी का लाभ लेने के लिए खेत में फव्वारा व बूंद-बूंद सिंचाई तकनीक को अपनाना होगा. उसके बाद ही उसके बैंक अकाउंट में पैसे आएंगे. यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. इससे संयुक्त खातेदारी की भूमि में किसान सहमति से अलग-अलग खेत तलाई बनवाकर अनुदान ले सकेंगे.
50 फीट से कम नहीं होनी चाहिए दो पौंड के बीच की दूरी
कृषि विभाग की ओर से खेत में सिंचाई के लिए कच्चे और पक्के दोनों तरह के फॉर्म पौंड बनाने पर अनुदान राशि दी जाती है. कृषि आयुक्तालय के अनुसार राजस्थान में 13,000 और सीकर जिले में 2408 खेत पौंड बनाए जाएंगे. कृषि विभाग के अनुसार एक खेत में दो पौंड के बीच 50 फीट से कम दूरी नहीं होनी चाहिए. खेत तलाई का निर्माण मुख्य मार्ग या आम रास्ते के पास नहीं होना चाहिए. फॉर्म पौंड की सब्सिडी का लाभ किसान एक ही जगह ले सकता है. जन आधार कार्ड में लघु सीमांत किसान के नाम से पंजीयन भूमि नाम नहीं होने की स्थिति में सक्षम अधिकारी के प्रमाण पत्र के जरिए खेत तलाई का अनुदान ले सकता है.
खेत तलाई के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामनिवास पालीवाल ने बताया कि खेत तलाई के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसमें संबंधित किसान नक्शा, आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, बैंक खाते का पासबुक, पॉली हाउस के लिए मिट्टी व पानी की जांच, कोटेशन के दस्तावेज भी देने होंगे. कच्चे खेत में पौंड के लिए लघु, सीमांत व एससी-एसटी किसान को 70 प्रतिशत अनुदान व पक्की खेत तलाई बनाने पर 90 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है. अन्य श्रेणी वाले किसानों को 80 प्रतिशत व अधिकतम राशि एक लाख 20,000 रुपए देने का प्रावधान है. किसानों को इसका फायदा उठाना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 12:10 IST