National

बागियों को मानने में BJP के छूट रहे पसीने, हिमंता बिस्वा सरमा अब समझे कितनी कठिन है बिहार-झारखंड की पॉलिटिक्स

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव में अब हर रोज नए-नए रंग देखने को मिल रहे हैं. कल तक गुरु-चेला पार्टी दफ्तर में बैठकर चाय पीते थे, उन्हीं में से एक को टिकट मिल जाने पर दूसरा निर्दलीय प्रत्याशी बनकर अब पानी पिला रहा है. झारखंड चुनाव में सभी पार्टियों के अंदर भीतरघात का खतरा इतना बढ़ गया है कि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को पंचायत स्तर के नेताओं के घरों में जाकर लंच और डिनर करना पड़ रहा है. खासकर, बीजेपी में इस बार तो कुछ ज्यादा ही भीतरघात का खतरा मंडरा रहा है. इसी खतरे को देखते हुए झारखंड बीजेपी के प्रभारी और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को खुद मैदान में उतर आए हैं. बीते दो-तीन दिनों से उनका एक ही काम है बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशियों के घर जाकर उसको मना कर पर्चा वापस कराना.

हिमंता बिस्वा सरमा की राजनीतिक कौशल का झारखंड में बीजेपी के बागी निर्दलीय इम्तिहान ले रहे हैं. हालांकि, उनके इस पहल के बाद कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया है. इससे बीजेपी की मुश्किलें काफी कम हुई हैं. पार्टी के बागी और नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए सरमा को हर रोज अलग-अलग जगहों पर कार्यकर्ताओं के चौखट पर जाना पड़ रहा है. घर पहुंच कर लंच-डिनर तक करना पड़ रहा है. यहां तक की बच्चे को गोदी में भी खिलाते हैं और चॉकलेट भी देते हैं. सरमा को शायद समझ में आ रहा है कि जो काम उन्होंने असम में नहीं किया वह झारखंड में क्यों करना पड़ रहा है?

‘हाथ’ से दूरी या राजनीत‍िक मजबूरी… महाराष्‍ट्र से लेकर झारखंड तक कांग्रेस से क्‍यों कन्‍नी काट रहे राहुल गांधी के करीबी?

सरमा का डिनर डिप्लोमेसीझारखंड में बीजेपी की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी इस बार गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से कहीं अधिक हिमंता बिस्वा सरमा पर है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और लक्ष्मीकांत वाजपेयी बेशक झराखंड बीजपी के प्रभारी हैं. लेकिन, टिकट वितरण से लेकर पार्टी का पूरा बोझ हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने कंधे पर उठा रखा है या यूं कहे पार्टी आलाकमान ने दे रखा है. हिमंता के चेहरे पर झारखंड चुनाव की जिम्मेदारी का बोझ साफ झलक रहा है.

बीजेपी के आधा दर्जन बागियों ने नाम वापस लिएतीन दिन पहले ही सरमा जब झारखंड से चुनाव प्रचार कर असम लौटे थे तो उनसे पत्रकारों ने पूछा कि असम उपचुनाव का प्रचार कब शुरू करेंगे? इस सवाल पर हिमंता कहते हैं, ‘अभी तो मैं झारखंड में व्यस्त हूं. यहां भी टाइम नहीं दे रहा हूं. अभी असम उपचुनाव पर नहीं मेरा फोकस झारखंड है. देखो न अभी आया हूं सुबह फिर झारखंड निकल जाऊंगा.’

सरमा की राजनीतिक कुशलता की परीक्षाआपको बता दें कि झारखंड विधानसभा का इस बार का चुनाव हिमंता बिस्वा सरमा के राजनीतिक कुशलता का भी इम्तिहान है. इसका एक उदाहरण रविवार शाम देखने को मिला. रांची के निर्दलीय प्रत्याशी संदीप वर्मा के घर सरमा उनको मनाने पहुंच गए. दरअसल, पत्रकार से राजनीति में आए संदीप वर्मा बीते 10-11 सालों से बीजेपी से जुड़े हैं. इस चुनाव में उनको उम्मीद थी की रांची के मौजूदा विधायक सीपी सिंह की जगह उनको पार्टी प्रत्याशी बनाएगी. लेकिन, पार्टी ने सात बार के विधायक सीपी सिंह पर विश्वास करते हुए टिकट दे दिया. इससे संदीप वर्मा नाराज होकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया.

हिमंता बिस्वा सरमा तक मैसेज पहुंचा कि संदीप वर्मा के लड़ने से बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लग जाएगा और यहां से जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माजी जीत सकती हैं. इस बात की भनक लगते हीं सरमा संदीप वर्मा के घर पहुंचे और उनको मना लिया. इसके साथ उनके परिवार का हाल चाल जाना. ऐसे में कल तक जो संदीप वर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी प्रत्याशी को कोसते नहीं थक रहे थे. उन्होंने अब सोशल मीडिया पर सीपी सिंह को वोट देने की अपील कर दी. सरमा डिप्लोमेसी से सिर्फ संदीप वर्मा ही नहीं लगभग आधा दर्जन बीजेपी के बागी निर्दलीय प्रत्याशी मान गए हैं.

Tags: BJP, CM Himanta Biswa Sarma, Jharkhand election 2024

FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 18:12 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj