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By observing this fast, the blessings of 33 crore Gods and Goddesses will be showered – News18 हिंदी

मोहित शर्मा/ करौली. इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत कल यानी 29 जनवरी को रखा जाएगा. यह व्रत हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण व्रतों में एक है. माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस तिथि को तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है. सभी संकटों को दूर करने वाले इस व्रत को लोग अलग-अलग नामों से जानते हैं. कुछ लोग इसे सकट चौथ तों कई लोग इसे संकष्ट चतुर्थी व तिलकुटा चौथ के नाम से भी जानते हैं.

विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं इस व्रत को गणेश जी की आराधना करने के साथ ही निर्जला रहकर संतान की प्राप्ति और परिवार की सलामती के लिए करती है. इस व्रत की मान्यता कुछ ऐसी है जों भी इसे सच्चे मन से रखता है उसे 33 कोटी देवी देवताओं के साथ भगवान गणेश का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस व्रत को न केवल सुहागन महिलाएं अपितु गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हर मनुष्य रख सकता है.

29 जनवरी को रखा जाएगा व्रत
पंडित मनीष उपाध्याय ने बताया कि इस व्रत को विशेष तौर से माताएं अपने पुत्र की दीर्घायु, घर में सुख – शांति, समृद्धि और पुत्र पौत्र की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से गणेश जी के लिए निर्जला रहकर करती है और इसी को व्रत संकष्टी चौथ व्रत कहा जाता है. उपाध्याय के अनुसार संकष्टी चौथ इस साल 29 जनवरी को सुबह 6:10 से प्रारंभ होगी और 30 जनवरी को सुबह 8:54 तक रहेगी. उन्होंने बताया कि इसमें माताएं निर्जला रहकर गणेश जी की आराधना करती है और जब रात्रि में चंद्रमा के दर्शन होते हैं तब चंद्रमा को अरघ देकर गणेश जी की पूजा और आराधना कर, उन्हें तिलकुटा का विशेष भोग लगाकर इस व्रत को खोलती है.

चंद्रोदय का यह रहेंगा समय
पंडित मनीष उपाध्याय के मुताबिक 29 जनवरी को इस संकष्टी चौथ वाले दिन चंद्रोदय का समय भी रात्रि को 8 बजकर 41 मिनट के आसपास रहेंगा. शास्त्रों में भी इस व्रत के बारे में ऐसा बताया गया है कि इस दिन 33 करोड़ देवी देवताओं ने गणेश जी को मिलकर आशीर्वाद दिया और कहां की गणेश जी इस दिन जो भी मनुष्य आपकी सेवा पूजा करेगा और आप इस दिन जिस पर भी प्रसन्न हो जाओगे, हम सभी 33 कोटी देवी देवताओं की भी कृपा उस मनुष्य पर हमेशा बनी रहेगी. इसलिए इस व्रत को सुहागन महिलाओं के साथ ही हर मनुष्य को भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ-साथ 33 कोटी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इसकी विधि के अनुसार जरूर करना चाहिए.

Tags: Dharma Aastha, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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