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किस उम्र तक बच्चा शुरू कर देता है चलना और बोलना, चाइल्ड स्पेशलिस्ट ने दिया जवाब, देखें रिपोर्ट 

नई दिल्ली: पहली बार अगर आप माता-पिता बने हैं, तो यकीनन बच्चों की छोटी-छोटी बातों को समझ पाना आपके लिए काफी मुश्किल होगा. खास तौर पर एक से डेढ़ साल तक की उम्र बच्चों की ऐसी होती है जिसमें उनके चलने और बोलने का विकास तक जुड़ा होता है, लेकिन अगर माता-पिता एक से डेढ़ साल की उम्र तक बच्चे की एक्टिविटी को नहीं समझ पाते या लापरवाही कर देते हैं, तो यह उनके आगे के विकास के लिए बाधा बन जाता है. इसके बाद माता-पिता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

जी हां हम बात कर रहे हैं बच्चे का किस उम्र तक चलना और बोलना शुरू हो जाना चाहिए. अगर उस उम्र तक बच्चे ने चलना और बोलना नहीं शुरू किया है, तो माता-पिता को सतर्क हो जाना चाहिए और तुरंत चाइल्ड स्पेशलिस्ट से मिलकर उसका इलाज कराना चाहिए. जितनी देरी आप करेंगे उतनी देरी बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है. हो सकता है बच्चा माता पिता की लापरवाही की वजह से और देर से बोलना या चलना शुरू करें.

कई मामलों में जब माता-पिता ध्यान नहीं देते हैं, तो बच्चे 3 साल की उम्र तक भी ठीक से चल नहीं पाते और ना ही साफ बोल पाते हैं. इसके बाद माता-पिता को उनकी तमाम तरह की थेरेपी करानी पड़ती है. आखिर क्या है सही उम्र चलने और बोलने की और किस उम्र के बाद माता-पिता को सतर्क हो जाना चाहिए. यही जानने के लिए जब हमने मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर सतीश गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि जो लोग पहली बार माता-पिता बनते हैं उनको बच्चों की एक्टिविटीज पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि पहली बार में वो समझ नहीं पाते हैं कि बच्चा उनसे क्या बोल रहा है. सांकेतिक भाषा में और उसका चलना है या बोलना कब सामान्य माना जाता है. ऐसे में वह देरी कर देते हैं जिसके बाद उन्हें बच्चे का लंबा इलाज कराना पड़ता है.

पहले जन्मदिन तक चलना शुरू कर देता है 

डॉ. सतीश गुप्ता ने बताया कि बच्चा एक साल का हो जाता है, तब तक वह चलना शुरू कर देता है. अगर उसका टीकाकरण सही समय पर हो रहा है. सभी तरह की दवाइयां डॉक्टर की सलाह पर उसे दी जा रही हैं और उसकी सही तरीके से देखरेख की जा रही है, तो एक साल का होते ही बच्चा चलना शुरू कर देता है. वह लड़खड़ाकर चलता है या चीजों को पकड़ पकड़ कर चलता है, लेकिन अपने पैरों को वह चलाना शुरू कर देता है. अगर एक साल तक बच्चा नहीं चल पा रहा है, सिर्फ बेड पर लेटा रहता है या बैठा रहता है, तो यह चिंता का विषय है. इसमें लापरवाही बिल्कुल भी ना करें और तुरंत बच्चों को डॉक्टर के पास लेकर जाएं, क्योंकि जितनी जल्दी इन मामलों में इलाज शुरू होगा उतनी जल्दी बच्चे का विकास हो सकेगा. नहीं तो बच्चे का विकास रुक जाएगा.

इस उम्र तक बोलना जरूरी 

डॉ. सतीश गुप्ता ने बताया कि बच्चा पैदा होते ही अपनी सांकेतिक भाषा में बोलना शुरू कर देता है. हम लोग उसकी भाषा को नहीं समझ पाते हैं लेकिन जैसे ही बच्चा एक साल, डेढ़ साल, 2 साल या 3 साल का होता है, तो वो धीमे-धीमे करके शब्द पकड़ता है और फिर बोलना शुरू कर देता है. यह एक सामान्य बच्चों के लक्षण होते हैं, लेकिन अगर एक साल तक भी बच्चा या डेढ़ साल तक भी कुछ भी नहीं बोल रहा है, एक शब्द भी नहीं बोल पा रहा है, तो उसे तुरंत चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाएं और इसके बाद उसकी स्पीच थेरेपी शुरू कराएं, क्योंकि कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि माता-पिता यह सोचते हैं कि बच्चा अभी डेढ़ साल का हुआ है अभी क्या बोलेगा या अभी 2 साल का हुआ है अभी थोड़ा और इंतजार कर लेते हैं, तो ऐसे में इंतजार नहीं करना है तुरंत चाइल्ड स्पेशलिस्ट से मिलना है.

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