Churu News : दो गौशालाओं को फ्री में मिलेगी मशीन…गोबर से बनेगा ईधन, 8 रुपए किलो होगी बिक्री

चूरू : जब तक जमीन पर हरियाली है, तब तक हर इंसान का जीवन सुरक्षित है, लेकिन लगातार हो रही जंगलों की कटाई ने धरती के अस्तित्व को चिंता में डाल दिया है. इस समस्या से निपटने के लिए समाधान खोजा जा चुका है. देश के कई इलाकों में गोबर से बनी लकड़ी गौकाष्ठ बनाई जा रही है, जिसे लकड़ी के एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. यह लकड़ी गाय के गोबर से बनी होती है, जिसे तैयार करने में भी ज्यादा समय नहीं लगता. गोवंश के गोबर से ईधन बनाने की उसी श्रृंखला में चूरू जिले की गौशालाओ को गोकाष्ठ मशीन दी जाएगी. जिनमे दो गौशाला को एक -एक गोकाष्ठ मशीन मिलेगी. मशीन की सहायता से गोवंश के गोबर को सुखाकर लंबे काष्ठनुमा ऊपले तैयार किए जाएंगे, जिन्हे लकड़ी की तरह ईधन के रूप में काम में लिया जा सकेगा.
100 गौशालाओं को मिलेगा मशीन राज्य सरकार के बजट घोषणा के तहत प्रदेश भर की 100 गौशाला में गोकाष्ठ मशीनों का वितरण किया जाएगा. जिले की जुबली पिंजरापोल गौशाला सादुलपुर तथा गौशाला समिति गौशाला सरदारशहर को एक -एक मशीन दी जाएगी. गोकाष्ठ मशीन में संबंधित गौशाला की भी 20 फीसदी राशि शामिल होगी. यानी गौशाला को मशीन की लागत का 20% विभाग को देना होगा. पशुपालन विभाग के बताया कि गोकाष्ठ मशीन प्राप्त करने के लिए गौशाला को सभी पात्रता शर्तो को पूरा करना होगा. जिसमें गौशाला में 600 से अधिक गोवंश संधारित होने चाहिए. स्वयं के स्वामित्व की पांच बीघा जमीन. 3 फेस बिजली कनेक्शन तथा स्वयं का ट्यूबेल होना चाहिए. इन तमाम शर्तों के चलते जिले में सिर्फ दो ही गौशालाओं को गोकाष्ठ मशीन मिलेगी.
8 रुपए प्रति किलो से गोकाष्ठ का विक्रय कर सकेंगेगोकाष्ठ मशीन स्थापित होने से गौशालाओं को आर्थिक लाभ मिलेगा. पशुपालन विभाग के सयुंक्त निदेशक डॉक्टर ओमप्रकाश ने बताया मशीन से निकलने वाले गोकाष्ठ को गौशाला 8 रुपए प्रति किलो की दर से विक्रय भी कर सकती है जिससे गौशाला को आर्थिक लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि ये विक्रय दर जिला गोपालन समिति के अनुमोदन पर बढ़ाई भी जा सकती है.
FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 16:18 IST