बेटे पोते हुए भी 3 दिन से अंतिम संस्कार को तरस रहा है एक पिता का शव, भगवान ऐसा दिन किसी को ना दिखाए
दीपक पुरी.
भरतपुर. भरतपुर जिले से बड़ी और दिल को दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां करीब सवा दो साल पहले गोलियों से भून दिए कृपाल जघीना के पिता रामभरोसी सोगरवाल का बीमारी के चलते निधन हो गया है. लेकिन रामभरोसी के दूसरे दोनों बेटे और दो पोते जेल में बंद हैं. घर पर कोई पुरुष सदस्य नहीं है. ऐसे में कृपाल जघीना के पिता का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. उनका शव बीते तीन दिन से भरतपुर के आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखा है.
भरतपुर के कृपाल जघीना हत्याकांड की कहानी बेहद उलझी हुई है. दरअसल में 4 सितंबर 2022 को कृपाल जघीना की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. कृपाल बीजेपी से जुड़े हुए थे. कृपाल की हत्या का आरोप उनके गांव जघीना के कुलदीप और उसके साथियों पर लगा था. इस केस में कुलदीप और उसके साथी पकड़े गए. उसके बाद 12 जुलाई 2023 रोडवेज में पुलिस कुलदीप और उसके साथियों को पेशी पर ले जा रही थी. उसी दौरान बस पर हमला कर कुलदीप का मर्डर कर दिया गया.
जेल अधीक्षक और कलेक्टर ने खारिज की पेरोल अर्जीइसका आरोप कृपाल जघीना के परिवार पर लगा. इस पर पुलिस ने कृपाल जघीना के दोनों सगे भाइयों रविन्द्र ओर सतवीर को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कृपाल जघीना का बेटा और रविन्द्र का बेटा भी पकड़ा गया. इस तरह रामभरोसी के परिवार के सभी सदस्य जेल चले गए. वे चारों अभी अजमेर जेल में बंद है. पिता की मौत के बाद उन्होंने अजमेर जेल अधीक्षक और कलेक्टर के पास पेरोल की अर्जी लगाई. लेकिन वह दोनों ही जगह से खारिज हो गई.
परिवार में और कोई पुरुष सदस्य नहीं हैचूंकि परिवार में और कोई पुरुष सदस्य है नहीं इसलिए रामभरोसी को अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. अब परिवार के सदस्यों ने भरतपुर की वैर कोर्ट में उनकी पेरोली की अर्जी लगाई है. उन्हें उम्मीद है कि वहां से रामभरोसी के दोनों बेटों और पोतों का पेरोल मिल जाएगी. बीते तीनों से रामभरोसी के परिवार में मातम पसरा हुआ है. उनके घर में तीन दिन से चूल्हा भी नहीं जला. इस मामले में रामभरोसी के परिजन और ग्रामीण कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. पुलिस ने ऐहतियात के तौर पर रामभरोसी के घर पर पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया है.
FIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 13:57 IST