21 दिनों में बना रहे सवा लाख शिवलिंग, दर्शन मात्र से मनोकामना होगी पूरी! इस दिन होगा विसर्जन

बीकानेर. बीकानेर का सावन विशेष रूप से खास माना जाता है. धर्मनगरी के रूप में प्रसिद्ध इस स्थान पर हर साल मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग बनाए जाते हैं. यहां सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण होता है. इस बार भी बीकानेर में विभिन्न स्थानों पर मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग बनाए जा रहे हैं.पंडित युगल नारायण ने बताया कि सबसे पहले तालाब से मिट्टी लाई जाती है, फिर उसमें गंगाजल, गौमूत्र और गोबर मिलाया जाता है. इसके बाद मंत्रों का उच्चारण करते हुए “ऊं नमः शिवाय” मंत्र जपकर शिवलिंग बनाए जाते हैं.सावन के महीने में इन शिवलिंगों का निर्माण विशेष रूप से किया जाता है.
मिट्टी से बनाए जाने वाले इन पार्थिव शिवलिंगों से पुत्र संतान प्राप्ति की कामना की जाती है. इन्हें बनाना शिव मंदिर बनाने के बराबर पुण्य का काम माना जाता है. पंडित युगल नारायण ने बताया कि पांच ब्राह्मण मिलकर 21 दिनों में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग बना रहे हैं. वे रोजाना 7 हजार मिट्टी के शिवलिंग बना रहे हैं. इन सवा लाख शिवलिंगों के बनने के बाद विशेष पूजा की जाती है और फिर मंत्रोच्चार के साथ इन्हें तालाब में विसर्जित किया जाता है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य पूरे विश्व में शांति और निरोगी जीवन की कामना करना है. उन्होंने बताया कि वे कई साल से पार्थिव शिवलिंग बनाने का कार्य कर रहे हैं.
जन्माष्टमी के दूसरे दिन हरिद्वार में होगा विसर्जनवे बताते है कि माता पार्वती ने सबसे पहले पार्थिव शिवलिंग बनाया था, उसके बाद से लगातार पार्थिव शिवलिंग बनाए जा रहे हैं. वे बताते है कि सवा लाख पार्थिव शिवलिंग बनाने के बाद जन्माष्टमी के दूसरे दिन हरिद्वार में विसर्जन किया जाएगा. श्रीमाली ने बताया कि 500 किलो कोलायत सरोवर की सफेद मिट्टी है. यह मिट्टी चिकनी तथा पवित्र मिट्टी होती है. इस मिट्टी में गाय का गोबर, मूत्र, भस्मी, गंगाजल मिलाकर पार्थिव शिवलिंग बनाते है.
FIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 16:01 IST