न तनाव, न दबाव! नाचते-गाते पहुंचे परीक्षार्थी, महिलाओं ने घूंघट में और पुरुषों ने धोती-कुर्ते में दी परीक्षा

Last Updated:March 26, 2025, 12:30 IST
Dausa Literacy Exam. दौसा जिले में बुनियादी साक्षरता परीक्षा में महिलाएं और बुजुर्ग पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में ढोल-नगाड़ों के साथ पहुंचे. 298 केंद्रों पर 29 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने भाग लिया.X
दौसा में अनोखी परीक्षा
हाइलाइट्स
दौसा में 29 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने भाग लिया.बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे.परीक्षा में डिजिटल, व्यावसायिक और स्वास्थ्य साक्षरता शामिल.
दौसा. आमतौर पर परीक्षा का नाम सुनते ही लोगों के चेहरे पर घबराहट और तनाव झलकने लगता है, लेकिन दौसा जिले की बुनियादी साक्षरता परीक्षा में नजारा बिल्कुल अलग था. यहां परीक्षा केंद्रों पर नाचते-गाते, ढोल-नगाड़ों के साथ परीक्षार्थी पहुंचे. बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में उत्साहित नजर आए. किसी ने धोती-कुर्ता पहना तो कोई घूंघट में परीक्षा देने आई.
साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित इस परीक्षा के लिए दौसा जिले में 298 परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिसमें 29 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने भाग लिया. खास बात यह थी कि इस परीक्षा में गांव-गांव, ढाणी-ढाणी से बड़ी संख्या में बुजुर्ग शामिल हुए, खासकर महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता था.
क्या था परीक्षा का स्वरूप?इस परीक्षा में सिर्फ अक्षर और संख्या ज्ञान ही नहीं, बल्कि डिजिटल, व्यावसायिक और स्वास्थ्य साक्षरता को भी शामिल किया गया. परीक्षा का प्रश्न पत्र तीन भागों में था और कुल 150 अंकों का पेपर लिया गया. इस परीक्षा में बहुत ही सरल सवाल भी पूछे गए थे इस परीक्षा में बैंक में खाता कैसे खोलें? ऑनलाइन पैसे का लेन-देन कैसे करें? ई-मित्र पर जरूरी सेवाएं कैसे प्राप्त करें? ऐसे सवाल पूछे गए जो आसानी से लोग अपना जवाब दे सके.
न तनाव, न दबाव–अपनी सुविधा से दी परीक्षाइस परीक्षा की एक और खासियत यह रही कि परीक्षार्थियों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं था. कोई कुर्सी-टेबल पर बैठकर लिख रहा था, तो कोई जमीन या पेड़ की छांव में परीक्षा दे रहा. समय की कोई बाध्यता नहीं थी, परीक्षार्थी अपनी सुविधा से परीक्षा देने पहुंचे और खुशी-खुशी उत्तर लिखकर लौटें.
गांव-गांव में चर्चा का विषय बनी परीक्षाइस अनूठी परीक्षा को लेकर पूरे जिले में चर्चा रही यह पहली बार था जब बुजुर्ग परीक्षार्थियों को बिना किसी दबाव के परीक्षा देने का अवसर मिला. महिलाओं की भागीदारी और उत्साह ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया. दौसा में इस पहल को साक्षरता के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है. इस परीक्षा में भाग लेने के लिए गांव के ही महिला पुरुषों को सम्मिलित किया जाता है और प्रत्येक केंद्र पर 100 परीक्षार्थी निर्धारित किए जाते हैं जो अनिवार्य रूप से परीक्षा देने के लिए पहुंचते हैं.
इन परीक्षाओं के तरीके से ही होती है तैयारीइस अनूठी परीक्षा की भी अन्य विभागों की परीक्षाओं और नौकरी लगने वाली परीक्षाओं की तरह ही यह परीक्षा की भी तैयारी की जाती है. प्रशासन भी इस परीक्षा को लेकर अलर्ट रहता है कई दिनों तक बैठक आयोजित होती हैं. इस परीक्षा के लिए प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर प्रभारी नियुक्त किए जाते हैं और परीक्षा केंद्र पर परीक्षा प्रभारी भी बनाए जाते हैं. जिनकी पहले से ही बैठक लेना किस तरह से परीक्षा में बैठने की व्यवस्था या किसी तरह से पेपर हल करवाना है ऐसी अनेक तैयारी को लेकर बैठक होती हैं.
Location :
Dausa,Dausa,Rajasthan
First Published :
March 26, 2025, 12:30 IST
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न तनाव, न दबाव! महिलाओं ने घूंघट में और पुरुषों ने धोती-कुर्ते में दी परीक्षा