पाली के बांगड़ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. महेन्द्र सिंह का साइकिल प्रेम

Last Updated:March 02, 2025, 19:14 IST
Initiative For Environmental Protection: पाली स्थित बांगड़ कॉलेज के प्राचार्य ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक खास मुहिम की शुरूआत की है. प्राचार्य डॉ. महेन्द्र सिंह राजपुरोहित साइकिल से कॉलेज आते-जाते हैं. ऐसा उ…और पढ़ेंX
साइकल पर कॉलेज आते प्रिंसिपल
हाइलाइट्स
प्राचार्य डॉ. महेन्द्र सिंह राजपुरोहित साइकिल से कॉलेज आते हैं.पर्यावरण संरक्षण और हेल्थ के लिए साइकिल का उपयोग.छात्रों को प्रेरित करने के लिए साइकिल से आने की मुहिम.
पाली. किसी बड़े कॉलेज के प्रिंसिपल को जब हम देखते हैं, तो सोचते हैं कि बड़ी-बड़ी गाड़यों में आते होंगे. मगर पाली के बांगड़ कॉलेज की बात करें तो यहां के प्रिंसिपल डॉ. महेन्द्र सिंह राजपुरोहित साइकिल पर ही कॉलेज आते हैं और साइकिल पर ही घर जाते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रिंसिपल के रूप में जब इन्होंने दायित्व संभाला तो यहां पर कुछ ऐसे नवाचार किए, जिससे विद्यार्थियों का रूझान कॉलेज के प्रति इतना बढ गया कि बड़ी संख्या में विद्यार्थी कॉलेज आना शुरू हो गए.
जिससे इस क्षेत्र में पहले से अत्यधिक वाहनों के होने के कारण पॉल्युशन इतना बढ गया कि पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने एक नोटिस तक जारी कर दिया. तब प्रिंसिपल डॉ. राजपुरोहित ने ठान लिया कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ हेल्थ को लेकर एक अनूठा संदेश देंगे और अचानक से एक दिन जब प्रिंसिपल कॉलेज कैंपस में साइकिल लेकर पहुंचे, तो कॉलेज के स्टॉफ से लेकर स्टूडेंट्स तक हैरान रह गए और आज उनसे प्रेरित भी हो रहे हैं. साथ ही पूरे राजस्थान में पाली का बांगड़ कॉलेज चर्चाओं में भी बना हुआ है.
कॉलेज को प्रदूषण मुक्त बनाना उद्देश्य
पाली शहर स्थित बांगड़ कॉलेज के प्रिंसिपल पद की कमान इन दिनों महेंद्र सिंह राजपुरोहित संभाल रहे हैं, जो स्वयं इसी कॉलेज के विद्यार्थी रह चुके हैं. कॉलेज में साइकिल लेकर आने के पीछे कारण बताया कि सपना देखा है कि ऑक्सीजन को विकसित करने का काम करें, ताकि इस कॉलेज को प्रदूषण मुक्त रखा जा सके. साथ ही पॉल्यूशन बोर्ड ने निर्देशित भी किया कि ज्यादा पॉल्युशन हो रहा है, तो कर्तव्य बनता है कि स्वस्थ वातावरण रहे. इसलिए पॉल्युशन फ्री एनवायरमेंट बनाने के लिए घर से ही शुरूआत की है. साइकिल से ही विगत एक वर्षो से कॉलेज आ रहे हैं.
घर से ही की है मुहिम की शुरूआत
डॉ. राजपुरोहित बताते हैं कि ऐसा लगा कि महाविद्यालय के विद्यार्थियों में साइकिल के प्रति क्रेज कम हो रहा है और वे दोपहिया वाहन लेकर आ रहे हैं. हजारों की संख्या में आ रहे टू व्हीलर पॉल्युशन फैलाने का काम भी करते हैं. तब सोचा कि विद्यार्थी देखेंगे तो प्रेरणा लेंगे कि हमारे कॉलेज के प्रिंसिपल साइकिल पर आ रहे हैं, तो उनमें भी बदलाव आएगा. प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर इस विशेष मूहित की शुरूआत की है.
साइकिल के आने का यह भी है बड़ा कारण
बांगड़ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. महेंद्रसिंह राजपुरोहित ने बताया कि एक समय था, जब कॉलेज में भी स्टूडेंट साइकिल से आते थे, अब स्थिति यह है कि बाइक और बड़ी-बड़ी कारों से स्टूडेंट कॉलेज पहुंच रहे है. इससे पार्किंग भी सुविधा करने में दिक्कत होती है. साइकलिंग करना हेल्थ के लिए अच्छा रहता है. इसको लेकर कॉलेज स्टूडेंट और साथी स्टॉफ को भी जागरूक करते हैं कि कम से कम वे भी सप्ताह में दो दिन तो साइकिल से कॉलेज पहुंचे. इससे उनकी हेल्थ भी अच्छी रहेगी और पर्यावरण संरक्षण में भी वे अपना योगदान दे सकेंगे.
इसी कॉलेज के रहे हैं छात्र
डॉ. राजपुरोहित अपनी पढ़ाई इसी बांगड़ कॉलेज से पूरी की है. उन्होंने एमए राजनीतिक विज्ञान में की है. वर्ष 1998 में सहायक प्रोफेसर के पद पर सरकारी नौकरी जॉइन की. पाली, सोजत, जालोर, पाली गर्ल्स कॉलेज में रहे. लेकिन, ज्यादातर नौकरी उन्होंने बांगड़ कॉलेज में ही की. उन्होंने बताया कि वंदे मातरम गीत पर उन्होंने पीएचडी भी की है.
First Published :
March 02, 2025, 19:14 IST
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बांगड़ कॉलेज के प्रिंसिपल की अनोखी पहल, इस वजह से साइकिल की करते हैं सवारी