Rajasthan

Famous Bhairav Temple: कहीं भगवान को ना लग जाए सर्दी, भक्तों ने किया कुछ ऐसा कि बन गया राजस्थान का नंबर 1

 भीलवाड़ा. भीलवाड़ा में लगातार सर्दी अपना प्रकोप दिखा रहा है. बढ़ती सर्दी को देखते हुए अब भक्त भगवान को भी सर्दी से बचाने के लिए अलग-अलग तरीकों से भगवान का रूप श्रृंगार कर रहे हैं. जहां भगवान के भोग में परिवर्तन आया है तो वहीं भगवान की पोशाक भी बदल गई है जिससे भगवान को भी सर्दी से बचाया जा सके. कुछ ऐसा ही भीलवाड़ा के पंचमुखी मोक्षधाम में स्थित मसानिया भेरुनाथ मंदिर में किया गया है.

51 किलो केसर युक्त दूध का भोगयहां भगवान भैरव बाबा को हिमाचल प्रदेश से लाई गई केसर का चोला धारण करवाया गया. इस दौरान भगवान को  51 किलो केसर युक्त दूध का भोग लगा कर भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया.  इसकी खास बात यह है कि यह देश का दूसरा और राजस्थान का पहला ऐसा मंदिर हैं जहां भगवान को केसर का चोला चढ़ाया गया है. इस मनमोहन श्रृंगार को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त मंदिर पहुच रहे हैं.हिमाचली भक्त ने चढ़ाया केसर का चोलाश्री मसानिया भैरवनाथ मंदिर समिति के युवा अध्यक्ष रवि कुमार सोलंकी ने कहा कि भीलवाड़ा में  लगातार सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा हैं.  ऐसे में हमारे हिमाचल के भक्त ने बाबा को केसर का चोला चढ़ाने की इच्छा जाहिर की. इस पर बाबा मसानिया भैरुनाथ को 250 ग्राम केसर का चोला धारण करवाकर गया हैं. इसके साथ ही केसर युक्त 51 किलो केसर के दूध का भोग लगाया गया हैं.

देश का दूसरा मंदिर जहां चढ़ा केसर का चोलारवि कुमार खटीक ने कहा कि यह देश का दूसरा ऐसा मंदिर हैं जहां भगवान को केसर का चोला चढ़ाया गया है. इससे पूर्व इंदौर में स्थित हनुमान मंदिर में यह केसर का चोला चढ़ाया गया था. केसर का चोला चढ़ाने के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि भगवान को सर्दी नहीं लगे इसलिए केसर का चोला चढ़ाया गया है.  इससे भगवान भैरव बाबा को भी ठंडी का एहसास नहीं होगा. इसके साथ ही भक्तों द्वारा मंदिर परिसर को सजाया गया.  बाबा की पूजा अर्चना कर आरती की गई और इसके बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में दूध का वितरण किया गया है.

FIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 18:44 IST

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