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पीरियड्स की वजह से लड़कियां नहीं जातीं स्कूल-कॉलेज! इस दौरान क्यों होता है पेट में दर्द? जानें विस्तार से

पीरियड्स के असहनीय दर्द को एक लड़की ही समझ सकती है. इस दौरान पेट में ऐंठन, ब्लोटिंग, कब्ज, उल्टी और मूड स्विंग भी हो सकते हैं. ऐसे में एक लड़की और महिला को स्कूल-कॉलेज भी जाना होता है, वह घर का काम भी करती हैं और वर्किंग हो तो ऑफिस में काम भी संभालती हैं. लड़कियों के इस दर्द को समझते हुए सिक्किम यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स को एक दिन की मेंस्ट्रुअल लीव देने का फैसला किया है. हालांकि एग्जाम में यह छुट्टी नहीं मिलेगी. इससे पहले इसी साल नवंबर में केरल आईटीआई में स्टूडेंट्स को 2 दिन की मेंस्ट्रुअल लीव देने की घोषणा हुई थी. 

पीरियड्स में होता हार्ट अटैक जैसा दर्दयूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन और यूसीएल इंस्टिट्यूट ऑफ वीमेन हेल्थ ने पीरियड्स पर एक रिसर्च की. शोध में सामने आया कि पीरियड्स में होने क्रैम्प्स यानी दर्द हार्ट अटैक के दौरान होने वाले दर्द जैसा होता है. इस दर्द को मेडिकल की भाषा में डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea)  कहते हैं. कुछ लड़कियां इसे सहन तक नहीं कर पाती हैं. यह पीरियड्स शुरू होने के कुछ घंटे पहले शुरू होता है जो 2 से 3 दिन तक रह सकता है लेकिन 24 से 36 घंटे तक इसका असर सबसे ज्यादा होता है. पीरियड्स जैसे खत्म होने की कगार पर पहुंच जाते हैं, यह दर्द भी ठीक हो जाता है. दर्द के वह 24 से 36 घंटे एक लड़की के बर्दाश्त से बाहर होते हैं इसलिए मेंस्ट्रुअल लीव जरूरी है.

पीरियड्स क्यों होते हैंदिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. हुमा अली कहती हैं कि हर लड़की जब अपनी प्यूबर्टी में पहुंचती है तो शरीर में हार्मोन्स बदलते हैं. मेंस्ट्रुअल साइकिल इसी उम्र में शुरू होती है. हर लड़की की मेंस्ट्रुअल साइकिल एक-दूसरे से अलग होती है. आमतौर पर यह साइकिल 28 से 35 दिन की होती है. हार्मोन्स के बदलाव के कारण ही पीरियड्स में दर्द होता है. दरअसल पीरियड्स होना एक नेचुरल प्रोसेस है जिसके बाद हर महीने एग रिलीज होता है. अगर यह एग पुरुष के स्पर्म से मिल जाए तो प्रेग्नेंसी ठहरती है. मेंस्ट्रुअल साइकिल से ही महिलाओं के शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन नाम के हार्मोन्स संतुलित रहते हैं. लेकिन हर महीने 3 से 7 दिन तक चलने वाले पीरियड्स दर्द भी बहुत देते हैं.  


पीरियड्स में कई बार हड्डी टूटने जैसा दर्द भी महसूस होता है (Image-Canva)

इन बीमारियों में हो सकता है असहनीय दर्दकई बार पीरियड्स का असहनीय दर्द किसी बीमारी की वजह से भी हो सकता है. जिन महिलाओं को गर्भाशय से जुड़ी समस्या होती है तो ऐसा ज्यादा होता है. जो महिलाएं एंडोमेट्रोसिस, फैब्रोइड, एंडोमेट्रियल पॉलीप्स, एडेनोमायोसिस या पेल्विक इंफ्लामेशन जैसे बीमारियों से जूझ रही होती हैं, उन्हें पीरियड्स का दर्द सहन नहीं हो पाता. वहीं जिन महिलाओं ने अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए इंट्रा यूटेराइन डिवाइस यानी IUDs लगाया होता है उन्हें शुरू के कुछ महीनों में पीरियड्स पेन महसूस हो सकता है.

मेंस्ट्रुअल लीव जेंडर इक्वेलिटी के लिए जरूरीसमाज में लड़कियों और लड़कों के बीच समानता की बात की जाती है. मेंस्ट्रुअल लीव इसका एक उदाहरण बन सकती है. ऑफिस में तो कुछ साल पहले से मेंस्ट्रुअल लीव  दी जा रही हैं लेकिन अगर ऐसा शिक्षण संस्थानों में भी यह पूरी तरह से लागू हो जाए तो यह जेंडर इक्वेलिटी बन जाएगी. वैसे भी हमारे समाज महिलाओं की सेहत को लेकर बात नहीं होती है और पीरियड्स को लेकर अब भी खुलकर कोई बात नहीं करता. मेंस्ट्रुअल लीव से लोगों के बीच जागरूकता फैलेगी और वह समझ सकेंगे कि अगर बेटियों को आगे बढ़ाना है तो उनकी सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है. इससे मेंस्ट्रुअल हाइजीन के प्रति भी जागरूकता बढ़ेगी.  


स्पेन में सबसे पहले लड़कियों को मेंस्ट्रुअल लीव देने की शुरुआत हुई (Image-Canva)

पीरियड्स के दौरान लड़कियां नहीं जातीं स्कूलइंडियन जनरल ऑफ यूथ एंड एडोलसेंट हेल्थ में 138 स्टडी का मेटा एनालिसिस छापा गया. इसमें सामने आया कि भारत में 10 से 19 साल की लड़कियां पीरियड्स के दौरान स्कूल नहीं जातीं. स्टडी के अनुसार 4 में से 1 लड़की ऐसा करती है. इसकी सबसे बड़ी वजह है खराब मेंस्ट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट. लड़कियों को स्कूल में साफ वॉशरूम नहीं मिलते. साथ ही वहां पानी की भी व्यवस्था नहीं होती. वहीं, यूनेस्को के अनुसार मेंस्ट्रुअल एजुकेशन ना होने की वजह से 5 में से 1 लड़की स्कूल ही छोड़ देती हैं. phs ग्रुप के सर्वे के अनुसार दुनियाभर के स्कूल और कॉलेज की लड़कियां पीरियड्स के चलते औसतन 3 दिन की छुट्टियां लेती हैं. इसके बाद सर्दी-जुकाम, फ्लू के लिए 2.6 दिन और मेंटल हेल्थ की वजह से 1.9 दिन की छुट्टी ली जाती है.    

ऐसे कम हो सकता है पीरियड्स पेनपीरियड्स के दौरान एरोबिक एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद होती हैं. इस दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन भी दर्द को कम करने में मदद करता है. पीरियड्स के पहले दिन आराम करें और हो सके तो नींद पूरी लें. चीनी, नमक और जंक फूड से दूर रहें. चाय-कॉफी का सेवन भी ना करें. इस दौरान गर्म पानी से नहाना अच्छा रहता है. पेट के निचले हिस्से में हल्के हाथों से मसाज करें. अजवाइन या जीरे को पानी में उबालें और उसके पानी को छान कर पी लें. इससे भी पीरियड्स का दर्द कम होता है.      

Tags: Female Health, Gender descrimination, Global health, Health, Sikkim News

FIRST PUBLISHED : December 10, 2024, 19:21 IST

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