Gonda Train Accident: LHB कोच से आए 4 बदलाव, जिसने बचा ली सैकड़ों की जान, डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे की हर अपडेट – train accident how linke hofmann busch lhb coach save passengers life better than integral coach factory icf 4 uniqueness explainer

नई दिल्ली. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की 5 से 6 बोगियां पलट गईं. इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस में LHB कोच का इस्तेमाल किया गया था. एलएचबी कोच की बोगियां आमतौर पर लाल रंग की होती हैं. इससे पहले ट्रेनों में ICF कोच का इस्तेमाल किया जाता था. LHB कोच को ICF के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित और आधुनिक माना जाता है. आज के दिन अधिकांश ट्रेनों में LHB कोच का इस्तेमाल किया जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस वजह से ट्रेन हादसे में ज्यादा जनहानि नहीं होती है. ICF कोच के साथ चलने वाली ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में आमतौर पर ज्यादा जनहानि होती थी. घायलों की तादाद भी ज्यादा होती थी. जबसे LHB (Linke Hofmann Busch Coach) कोच का इस्तेमाल शुरू हुआ है, तब से ट्रेन एक्सीडेंट के मामलों में तुलनात्मक तौर पर कम जनहानि हो रही है.
विशेषज्ञों के अनुसार, ICF कोच की तुलना में LHB कोच ज्यादा बेहतर एवं सुरक्षित होते हैं. एलएचबी के कोच एंटीटेलीस्कोपिक डिजाइन के तहत तैयार किए जाते हैं. इसका मतलब हुआ कि वे एक-दूसरे से टकराते नहीं हैं और आसानी से गिरते भी नहीं हैं. एलएचबी कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं. इस वजह से दुर्घटना होने की स्थिति में ठोकर सहने की क्षमता को बढ़ जाती है. इसके अलावा स्टील के इस्तेमाल से एलएचबी कोच आईसीएफ कोच के मुकाबले हल्के भी होते हैं. उन्हें हल्का भी बनाता है और वहन क्षमता बढ़ाता है. दुर्घटना की स्थिति में एक कोच को दूसरे कोच पर चढ़ने से रोकता है.
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LHB कोच की 4 खासियत
LHB कोच एंटीटेलीस्कोपिक डिजाइन के तहत तैयार किए जाते हैं.
LHB कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं.
LHB कोच आधुनिक तकनीक के चलते एक-दूसरे पर चढ़ते नहीं हैं.
LHB कोच में ठोकर सहने की क्षमता ज्यादा होती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?गोंडा ट्रेन एक्सीडेंट के बाद इंडियन रेलवे की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं. हालांकि, रेलवे विशेषज्ञों की राय इससे कुछ दीगर है. रेलवे सुरक्षा से जुड़े एक्सपर्ट की की मानें तो LHB कोच को भारतीय रेल के बेड़े में शामिल करने से ट्रेन हादसों में अभी तक सैकड़ों लोगों की जान बची है. साथ ही हादसे में ICF कोच के मुकाबले घायल होने वालों की संख्या में भी कमी आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे इंजुरीज की संख्या पर भी असर पड़ा है. एक्सपर्ट का कहना है कि ट्रेन हादसे में घायलों की संख्या कम होने के पीछे LHB कोच भी एक वजह हो सकती है.
गोंडा ट्रेन एक्सीडेंटलखनऊ से गोरखपुर जा रही डिब्रुगढ़ एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 15909) उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद गोंडा के झिलाही रेलवे स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे कई डिब्बे पटरी से उतर गए. घटना के बाद मौके पर कलेक्टर और जिला प्रशासन के अन्य पदाधिकारी राहत एवं बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंच गए. मौके पर 30 एम्बुलेंस, SDRF की 2 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं. NDRF की 2 टीमें भी मौके पर पहुंच गईं. डीएम ने बताया कि दुर्घटना में 2 यात्रियों की मौत हो गई है और 23 लोग घायल हो गए हैं, जिसमें से 2 लोगों के पैर फ्रैक्चर हुए हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 18:32 IST