Greenman Narpat Singh became the Vishwakarma of birds

Last Updated:April 09, 2025, 14:39 IST
पर्यावरण प्रेमी नरपत सिंह अपने खेत में पक्षियों की सुरक्षा के लिए कृत्रिम घोंसला बनाकर पक्षियों को आसरा दे रहे हैॆ. साथ ही इन परिंदों के आशियानों में दाना पानी का भी इंतजाम करते हैं.X
आशियाने तैयार करते हुए
हाइलाइट्स
नरपत सिंह हर साल 1 हजार से अधिक पक्षियों के लिए घोंसले बनाते हैं.नरपत सिंह का परिवार पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करता है.नरपत सिंह के प्रयास से गांव में पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है.
बाड़मेर:- कहते हैं कि किसी पंछी के लिए घर बनाने और उसे दाना पानी देने से बढ़कर कोई पुण्य नहीं होता और ऐसा काम धार्मिक दृष्टि से बेहद बड़ा माना जाता है. भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे बाड़मेर के ग्रीनमैन पंछियों के लिए किसी विश्वकर्मा से कम नजर नहीं हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि नरपत सिंह राजपुरोहित हर साल 1 हजार से ज्यादा पंछियों के लिए घोंसले और घर तैयार करते हैं.
पिछले कई सालों से इस मुहिम में लगे ग्रीन मैन नरपत सिंह राजपुरोहित के साथ उनका पूरा परिवार इस कार्य में जुटा हुआ है. अपने निजी ख़र्च और लोगों की मदद से इस गर्मी की शुरुआत से ही वह अपने काम मे जुटे नजर आ रहे हैं. पक्षियों के लिए दाने पानी के साथ मिट्टी से बने आशियानों को वह अपने गांव के अलग-अलग पेड़ों में टांग देते हैं, जिससे बेसहारा पंछियों को ना केवल बसेरे के लिए जगह मिल जाती है, बल्कि उनके दाने पानी का इंतजाम भी उनके बसेरे के करीब हो जाता है.
छोटे से लेकर बड़ा सदस्य निभाता है साथपर्यावरण प्रेमी नरपत सिंह अपने खेत में पक्षियों की सुरक्षा के लिए कृत्रिम घोंसला बनाकर पक्षियों को आसरा दे रहे हैं. साथ ही इन परिंदों के आशियानों में दाना पानी का भी इंतजाम करते हैं, जिसके चलते अब चिड़िया, कबूतर, तोता, मैना, कोयल सहित अन्य पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है. नरपत सिंह राजपुरोहित के घर के छोटे सदस्य से लेकर बड़ा से बड़ा सदस्य भी उनके इस काम में उनका हाथ बटाता नजर आता है.
पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्थापर्यावरण प्रेमी नरपतसिंह राजपुरोहित के मुताबिक, वह अपने पूरे गांव के साथ गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था में जुट गए हैं. पक्षियों के लिए हर साल 1 हजार से अधिक घोंसला लगाकर छांव व दाना पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. वह लोकल 18 को बताते हैं कि वह घोंसले वितरित भी करते हैं. उसके साथ-साथ परिवार और कोजाणियों की ढाणी की महिलाएं सुबह-शाम पानी के कुंड में पानी और पक्षियों के लिए दाना भी डालती हैं.
Location :
Barmer,Rajasthan
First Published :
April 09, 2025, 14:23 IST
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