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Gripen Fighter Jet: ग्रिपेन लड़ाकू विमान की क्या है खासियत, यूक्रेन क्यों इन्हें अपनी एयरफोर्स में शामिल करना चाहता है?

Gripen Fighter Jet: यूक्रेन ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है. उसने स्वीडन के साथ एक आशय पत्र (Letter of Intent) पर दस्तखत किए हैं, जिसके तहत युद्धग्रस्त यूक्रेन अपने पुराने सोवियत-युग के लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलने के लिए संभावित रूप से 150 साब ग्रिपेन लड़ाकू जेट खरीदेगा. बुधवार यानी 22 अक्टूबर को स्वीडन के लिंकोपिंग में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस समझौते की घोषणा की. उन्होंने इसे यूक्रेन की वायु शक्ति को मजबूत करने के उद्देश्य से एक लंबी अवधि की साझेदारी का शुरुआती कदम बताया.

इस आशय पत्र में हवाई युद्ध और रक्षा सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसमें साब एबी द्वारा विकसित नवीनतम स्वीडिश मल्टीरोल लड़ाकू विमान ग्रिपेन ई के संभावित निर्यात को शामिल किया गया है. स्वीडिश सरकार के अनुसार यूक्रेन को आपूर्ति किए जाने वाले मानों की संख्या 100 से 150 के बीच हो सकती है. क्रिस्टरसन ने बताया कि यह सौदा ग्रिपेन से संबंधित एक बड़े संभावित निर्यात सौदे की ओर एक कदम है, जिसमें संभवतः 100 से 150 लड़ाकू विमान शामिल होंगे, जो एक नई और अत्यंत शक्तिशाली यूक्रेनी वायु सेना का निर्माण करेंगे. ज़ेलेंस्की ने ग्रिपेन के अधिग्रहण को यूक्रेन की रक्षा रणनीति के लिए एक शीर्ष प्राथमिकता बताया. उन्होंने पुराने सोवियत विमानों को बदलने और आधुनिक पश्चिमी प्लेटफॉर्म को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

ग्रिपेन लड़ाकू विमान क्या है?ग्रिपेन चौथी पीढ़ी का हल्का सिंगल इंजन वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है. यह एक बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जिसे हवा से हवा में युद्ध, हवाई बमबारी और टोह लेने जैसे अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है. इसे F-35 जैसे अधिक महंगे पांचवीं पीढ़ी के विमानों के एक ठोस, कम लागत वाले विकल्प के रूप में देखा जाता है. ग्रिपेन स्वीडिश भाषा का शब्द है, जो पौराणिक जीव ग्रिफिन के लिए इस्तेमाल होता है. यह विमान 1996 से सेवा में है और इसे कई बार उन्नत किया गया है. इसके नवीनतम संस्करण का पहला विमान ग्रिपेन ई अक्टूबर में स्वीडिश वायु सेना को सौंपा गया था. कुल मिलाकर 280 से ज्यादा ग्रिपेन का निर्माण किया जा चुका है.

कहां हुआ ग्रिपेन का उपयोग?स्वीडिश मीडिया के अनुसार इस साल पहली बार ग्रिपेन का इस्तेमाल सीधे युद्ध में किया गया, जब थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ टकराव में लड़ाकू विमानों को तैनात किया. इससे पहले ग्रिपेन का इस्तेमाल मुख्य रूप से हवाई पुलिसिंग के लिए किया जाता रहा है और इसे 2025 में मित्र देशों के हवाई क्षेत्र में गश्त करने के नाटो मिशन के तहत पोलैंड में तैनात किया गया था. 2014 में लीबिया में नाटो के उड़ान निषेध क्षेत्र को लागू करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया गया था.

यूक्रेन अपने पुराने सोवियत-युग के लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलने के लिए 150 साब ग्रिपेन लड़ाकू जेट खरीदेगा.

किन देशों ने ग्रिपेन खरीदा है?स्वीडन 1995 में यूरोपीय संघ में शामिल होने तक तटस्थ था और 2024 में नाटो में शामिल होने तक सैन्य रूप से असंबद्ध रहा. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से स्वीडन अपनी वायु सेना की आपूर्ति के लिए साब पर निर्भर रहा है. उसने 1980 के दशक में ग्रिपेन विकसित करने का निर्णय लिया था. ग्रिपेन का मुकाबला लॉकहीड मार्टिन के साथ है. लॉकहीड मार्टिन के एफ-35 और एफ-16 और डसॉल्ट एविएशन ने राफेल और यूरोफाइटर को दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, ब्राजील, चेक गणराज्य और हंगरी को निर्यात किया है. जबकि कोलंबिया ने भी ग्रिपेन को खरीदने का फैसला किया है.

क्या हैं जेट की खासियत?साब ग्रिपेन ई एक आधुनिक, मल्टीरोल (बहुउद्देशीय) लड़ाकू विमान है. इसे स्वीडिश एयरोस्पेस कंपनी साब द्वारा विकसित किया गया है. इसे चौथी पीढ़ी के हल्के, सिंगल-इंजन वाले सुपरसोनिक जेट के रूप में जाना जाता है, जो हवाई युद्ध, बमबारी और टोही मिशनों में सक्षम है. ग्रिपेन ई को ‘स्मार्ट फाइटर’ कहा जाता है, जो आधुनिक युद्ध के लिए आवश्यक गतिशीलता, कम लागत, उच्च उपलब्धता और उन्नत सेंसर फ्यूजन तकनीक का एक शक्तिशाली संयोजन प्रदान करता है.

कम ऑपरेशन लागत और रखरखाव: इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी कम ऑपरेशन लागत और तेज टर्नअराउंड टाइम (पुनः उड़ान भरने की तैयारी का समय) है. इसे केवल 6 लोगों के दल द्वारा 20 मिनट में ईंधन भरकर और दोबारा हथियार लोड करके फिर से उड़ान के लिए तैयार किया जा सकता है (एयर-टू-एयर कॉन्फ़िगरेशन में 10 मिनट). इसका इंजन एक घंटे में बदला जा सकता है. ये खूबियां इसे युद्ध की स्थिति में अत्यधिक उपयोगी बनाती हैं, खासकर जब इसे अस्थायी या छोटे एयरस्ट्रिप/हाईवे से संचालित करना हो.

उन्नत वैमानिकी और सेंसर: इसमें अत्याधुनिक एवियोनिक सिस्टम है, जिसमें डीकपल्ड आर्किटेक्चर वाली मॉड्यूलर एवियोनिक्स शामिल है. इसका मतलब है कि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अलग-अलग काम करते हैं, जिससे नए हथियार और तकनीकी अपग्रेड को आसानी से और तेजी से एकीकृत किया जा सकता है. यह लियोनार्डो रेवन ईएस-05 एईएसए रडार सिस्टम से लैस है. इसमें स्काईवार्ड-जी इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक प्रणाली है, जो पायलट को बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करती है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सूट शामिल है, जो विमान को शत्रुतापूर्ण और उच्च खतरे वाले वातावरण में सुरक्षित रूप से संचालित करने में मदद करता है. यह नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमता रखता है, जिससे यह अन्य विमानों और इकाइयों के साथ वास्तविक समय में जानकारी साझा कर सकता है.

प्रदर्शन और एडाप्टबिलिटी: इसकी अधिकतम गति मैक 2 (लगभग 2,400 किमी/घंटा) है. इसमें 10 हार्डपॉइंट्स (हथियार और बाहरी टैंक लगाने के स्थान) हैं, जो इसे विभिन्न प्रकार के हवा-से-हवा और हवा-से-सतह हथियारों को ले जाने की क्षमता देते हैं. यह उबड़-खाबड़ या अस्थायी रनवे से भी उड़ान भरने में सक्षम है. इसमें बढ़ी हुई ईंधन क्षमता है, जो इसे लगभग 4,000 किमी की अधिकतम रेंज देती है.

हथियार प्रणाली: यह विभिन्न प्रकार के उन्नत हथियारों को ले जा सकता है, जिनमें शामिल हैं- मेटीओर बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल. आईआरआईएस-टी शॉर्ट-रेंज इन्फ्रारेड गाइडेड मिसाइल. लेजर-गाइडेड और अन्य प्रिसिजन गाइडेड बम. एंटी-शिप मिसाइलें. यह 27mm की मौसर बीके-27 तोप से भी लैस है.

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