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खुश रहना है तो जरूर सीख लें इमोशन बैलेंसिंग के ये आसान तरीके, बोझिल मन होगा शांत, बेहतर करेंगी महसूस

Emotional balancing techniques: मान लीजिए कि आप अपने काम में तनाव महसूस कर रही हैं. इस दौरान अगर आप अपने इमोशनल बैलेंस को बनाए रखती है, तो अपने तनाव (Stress) की वजह को पहचानकर मेडिटेशन (Meditation), एक्सरसाइज या मित्रों से बातचीत कर खुद को ऐसे हालात में बेहतर महसूस करा सकेंगी. लेकिन अगर आप अपनी भावनाओं को दबाने या अनदेखा करने की कोशिश करती हैं, तो आप और अधिक तनाव में आ सकती है. जिससे आपका मेंटल हेल्‍थ प्रभावित हो सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि इमोशनल बैलेंस हासिल करने के लिए इंसान को अपनी भावनाओं की पहचान करना सबसे जरूरी है. इसके बाद ही इसे सही तरीके से मैनेज (Emotional Well-being) किया जा सकता है.

इमोशनल बैलेंसिंग के तरीके–

विज़ुअलाइजेशन और ध्यान: साइकोलॉजिकल टुडे के मुताबिक, अच्‍छी यादों को विज़ुअलाइज करना और ध्यान (मेडिटेशन) करना, दो बेहतरीन तरीके हैं, जिनकी मदद से आप इमोशनल बैलेंसिंग की शुरुआत कर सकती हैं. ये न केवल आपके इमोशन को रेग्‍युलेट करने में मदद करता है, बल्कि लाइफ में आगे बढ़ाने में भी सहायक होता है.

संगीत: शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप 30 मिनट तक संगीत सुनें. आपको किसी चीज के बारे में सोचना नहीं है, बस इस समय खुद को आराम करने दें और देखें कि आपके मन में क्या आता है. इस प्रक्रिया में, आप अपने विचारों और भावनाओं को समझ पाएंगी और अपने भीतर की आवाज को सुन सकेंगी. यह तरीका आपको मानसिक स्पष्टता और शांति प्रदान कर सकता है. साथ ही, आपके जीवन में पॉजिटिव चेंज लाने में भी मदद करता है.

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लिखें: एक और तरीका है अपने विचारों को लिखना. सबसे पहले, आप अपने मन के बोझिल बातों को कागज पर लिखें और कहीं रख दें. इससे आपके मन में सकारात्मक विचारों के लिए अधिक जगह बनती है. यह तरीका आपको इमोशनली बैलेंस करने में काफी मदद करता है और इसके लिए किसी की जरूरत भी नहीं पड़ती.

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वॉक करें: हो सकता है कि आपको हर वक्‍त लेटे रहने का मन करे, या आराम की जरूरत महसूस हो, लेकिन फिर भी उठें और शरीर को सक्रीय करें. आप वॉक कर सकती हैं, या वर्कआउट भी, ये तरीका आपको एक ही लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करेगा और आप अपनी सारी ऊर्जा कुछ नया करने पर फोकस कर सकेंगी.

हम सभी भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरते हैं. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि उन्हें कैसे समझें और उन पर कंट्रोल करें.

Tags: Female Health, Health, Mental Health Awareness

FIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 15:33 IST

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