international conference#Sustainable Development Goals and Innovations | अब आया आईटी युद्ध का दौर: पद्मश्री सुधीर जैन

अजमेर रोड स्थित जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी में शुक्रवार से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। कॉन्फ्रेंस में देश दुनिया के 200 से अधिक मैनेजमेंट, बिजनेस और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स और इनोवेशन्स इन फ्यूचर विषय को लेकर एक्सपट्र्स ने मंथन किया।
जयपुर
Published: February 25, 2022 09:56:00 pm
जयपुर
अजमेर रोड स्थित जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी में शुक्रवार से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। कॉन्फ्रेंस में देश दुनिया के 200 से अधिक मैनेजमेंट, बिजनेस और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट ने ‘सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स और इनोवेशन्स इन फ्यूचर’ विषय को लेकर एक्सपट्र्स ने मंथन किया। यूएसए की सेंट क्लाउड यूनिवर्सिटी के सहयोग से हो रही इस कॉन्फ्रेंस के पहले दिन विभिन्न सत्रों में एजुकेशन, बिजनेस, एग्रीकल्चर, एन्वायरमेंट, ग्लोबलाइजेशन, टेक्नोलॉजी, हेल्थ, ट्रांस डिसिप्लीनरी अप्रोच जैसे विषयों पर एक्सपट्र्स ने सस्टेनेबल डवलमेंट को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह से मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के उपयोग से सस्टेनेबल डवलपमेंट बेहतर तरीके से किया जा सकता है।

अब आया आईटी युद्ध का दौर: पद्मश्री सुधीर जैन
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. धीरज सांघी ने अतिथियों का स्वागत किया और कॉन्फ्रेंस के विभिन्न सत्रों की जानकारी दी। पद्म विभूषण से सम्मानित इंडियन न्यूक्लियर फिजिसिस्ट अनिल काकोडकर कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि और बनारस हिंदु विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पद्मश्री से सम्मानित सुधीर जैन इस दौरान संबोधित किया। कॉन्फ्रेंसके दौरान विभिन्न पेपर प्रजेंटेशन के साथ ही डिस्कशन, पैनल टॉक एवं अन्य सत्रों का आयोजन हुआ। सुधीर जैन ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में देश इकोनॉमिक क्राइसिस के साथ ही स्ट्रेटजिक क्राइसिस के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले युद्ध सैनिकों और बंदूकों से लड़े जाते थे लेकिन अब मिसाइल और आईटी से लड़े जा रहे हैं। उन्होंने वर्तमान की आवश्यक्ताओं के अनुकूल स्टूडेंट्स को फ्यूचर के लिए रेडी करने की आवश्यक्ता बताई। इस मौके पर अनिल काकोडकर ने कहा कि स्टूडेंट्स को नई तकनीकों से अपडेट करने के साथ ही एंटरप्रेन्योरशिप के लिए प्रेरित करना होगा ताकि वे देश दुनिया की इकोनॉमी सुधारने में महती भूमिका अदा करे।
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