Rajasthan

People of this caste apply tilak on their forehead go to take money from women of particular caste

Last Updated:March 12, 2025, 17:26 IST

गेवर में शामिल राधा कृष्ण हर्ष ने लोकल 18 को बताया कि सैकड़ों साल से चली आ रही इस परंपरा के तहत कल होने वाले हर्ष -व्यास जाति के बीच होने वाले डोलची के पानी के खेल के लिए व्यास जाति के लोग पहले चांदी के टके (सि…और पढ़ेंX
पारंपरिक
पारंपरिक अंदाज में गेर निकाली गई

हाइलाइट्स

बीकानेर में सैकड़ों साल पुरानी होली की परंपरा निभाई गई.विशेष जाति की महिला से रुपए लेने की रस्म निभाई गई.पारंपरिक गीतों और चंग की थाप के साथ गेर निकाली गई.

बीकानेर:- होली के उल्लास में सैकड़ों पुरानी परंपरा निभाई जा रही है. ऐसे में एक अनोखी परंपरा है, जिसमें एक विशेष जाति की महिला से रुपए लेने की रस्म निभाई गई. इस मौके पर पारंपरिक अंदाज में गेर निकाली गई, जिसमें लोकगीत और चंग की थाप के साथ रंगों की मस्ती देखने को मिली. दोपहर 2 बजे लालाणी व्यासों के चौक से “बधावो ओ दिन नीको ईये, गेवर गेवरियों रै काढ़ो लस-लस टीको, चोखा-चोखा चावल्ल लस-लस टीको” जैसे पारंपरिक गीतों के साथ गेर रवाना हुई.

उसके बाद अपने पारंपरिक गीत गाते लोग ललाट पर लंबा तिलक, सिर पर साफा, रंग-बिरंगी पगड़ी, हाथों में छड़ी और चंग की थाप पर झूमते हुए लोग इस सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत कर रहे थे. इस गेवर में सभी के ललाट पर तिलक लगाया जाता है. इसके अलावा कई लोग स्वांग रूप भी धारण करके निकलती है. इस गेवर में बड़े, बच्चे और बुजुर्ग भी बड़ी संख्या में शामिल होते है.

जगह-जगह किया गया स्वागतयात्रा के दौरान कीकाणी व्यासों के चौक में खड़े लोग भी इसमें शामिल हो गए. इसके बाद गेर व्यासों का चौक, ओझाओं का चौक, बिन्नाणी चौक और सर्राफा बाजार होते हुए पुनः लालाणी व्यासों के चौक पहुंची और संपन्न हुई. इस गेवर का जगह-जगह स्वागत भी किया गया है. तेलीवाड़ा चौक पहुंचने पर गेवर का जलपान करवा कर गेर का स्वागत किया गया. इसके अलावा कई जगह राबड़िया, टॉफी भी खिलाई गई.

सैकड़ों साल से चली आ रही परंपरागेवर में शामिल राधा कृष्ण हर्ष ने लोकल 18 को बताया कि सैकड़ों साल से चली आ रही इस परंपरा के तहत कल होने वाले हर्ष -व्यास जाति के बीच होने वाले डोलची के पानी के खेल के लिए व्यास जाति के लोग पहले चांदी के टके (सिक्का) लेने जाते थे. कालांतर में सर्राफा बाजार के स्वर्ण व्यवसाई अब उन्हें चंदा देते हैं. इस परंपरागत गेवर के बाद बीकानेर की होली अपने परवान पर पहुंचेगी.


Location :

Bikaner,Rajasthan

First Published :

March 12, 2025, 17:26 IST

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होली के रंगों में बसी सालों पुरानी परंपरा; महिला से रुपए लेने की अनोखी रस्म

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