Rajasthan
इस शहर में एक दिन बाद मनाई जाती है जन्माष्टमी! यहां होती है मलखंभ प्रतियोगिता

दूधाधारी मंदिर के महंत और पुजारी कल्याण शर्मा ने कहा कि संवत 1609 बसंत पंचमी को मंदिर की स्थापना यहां पर हुई थी. इस मंदिर को बने हुए 471 साल हो चुके हैं. यह मंदिर निम्बार्क सम्प्रदाय द्वारा बनाया गया था.