Now The Education Department Engaged In Monitoring The Online Class – अब ऑनलाइन क्लास की मॉनिटरिंग में जुटा शिक्षा विभाग

प्रभारी अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी

जयपुर, 10 जुलाई
कोविड (Covid) के कारण अभी बच्चों को स्कूल नहीं बुलाया जा रहा है लेकिन उनकी पढ़ाई शुरू हो चुकी है। ऑनलाइन क्लास (Online class) के जरिए उन्हें पढ़ाई से जोडऩे का प्रयास शिक्षा विभाग (Education department) ने किया है। शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों (academic programs) के जरिए बच्चों को शिक्षा से जोड़े। और अब विभाग ने इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए ऑनलाइन क्लास (Online class) की मॉनिटरिंग (monitoring) करने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्कूल शिक्षा परिषद (school education council) पूरे राज्य में स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए प्रभारी अधिकारियों को लगाया है। इन अधिकारियों को अपने प्रभार वाले जिले में कम से कम 15 स्कूलों का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट तैयार कर निदेशालय भेजनी होगी। यानी एक ही स्कूल का बार बार निरीक्षण करने के स्थान पर अलग अलग स्कूलों में जाना होगा।
7 जून से शुरू हुआ था नया सत्र
गौरतलब है कि प्रदेश के स्कूलों में कोविड संकट के बीच ही 7 जून से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत कर दी गई थी। बच्चों के लिए आओ घर में सीखें 2.0, बैक टू स्कूल, मिशन समर्थ,शिक्षा वाणी, शिक्षा दर्शन आदि कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों को प्रतिमाह स्कूल के निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।
निदेशक सौरभ स्वामी, अतिरिक्त निदेशक रचना भाटिया और उपनिदेशक अरुण शर्मा पूरे प्रदेश में किसी भी स्कूल का निरीक्षण कर सकते हैं। इनके अलावा हर जिले के लिए एक एक प्रभारी अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।
निरीक्षण में रखा जाएगा इन बातों का ध्यान
आओ घर में सीखे 2.0 कार्यक्रम के तहत स्कूलों में प्रभारी अधिकारियों को जांच के लिए आठ बिंदु तय किए गए हैं। निर्धारित प्रपत्र में प्रबोधनकर्ता की पूरी जानकारी के साथ ही प्रभारी अधिकारियों को स्कूल में संचालित कक्षाओं, पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों की संख्या, विभिन्न माध्यमों से चिह्नित व्हाट्सएप ग्रुप की संख्या, ग्र्रुप में लाभान्वित विद्यार्थियों की संख्या, शाला दर्पण पर स्माइल 3.0 के तहत मॉडयूल प्रविष्ट विद्यार्थियों की संख्या, होमवर्क वर्कशीट आवंटन वाले विद्यार्थियों की संख्या, पोर्टफोलियो संधारित विद्यार्थियों की संख्या, डिजिटल पहुंच रखने वाले विद्यार्थियों की संख्या,डिजिटल पहुंच नहीं रखने वाले विद्यार्थियों की संख्या, क्विज का प्रिंट उपलब्ध करवाए गए विद्यार्थियों की संख्या, मिशन समर्थ के तहत विद्यार्थियों की संख्य और मिशन समर्थ के तहत वर्कशीट आवंटन और पोर्टफोलियो संधारित विद्यार्थियों की संख्या की जानकारी देनी होगी। साथ ही प्रबोधनकर्ता को व्यवस्था में आवश्यक सुधार या अन्य विषय पर अपने सुझाव देने होंगे।
कौन अधिकारी करेगा निरीक्षण
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और पदेन जिला परियोजना समन्वयक को हर माह चार स्कूलों का निरीक्षण करना होगा।
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक को हर माह छह और सप्ताह में एक, सहायक परियोजना समन्वयक समस्त को प्रति माह आठ और सप्ताह में दो और कार्यक्रम अधिकारी समस्त को माह में 12 और सप्ताह में तीन स्कूलों का निरीक्षण करना होगा।
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और पदेन बीआरसीएफ को माह में छह व सप्ताह में एक, ब्ल्ॉाक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और अतिक्ति मुख्य ब्लॉक अधिकारी प्रथम को माह में आठ और सप्ताह में दो, अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वितीय को माह में 16 और सप्ताह में चार स्कूलों का निरीक्षण करना जरूरी होगा। इसके बाद सूचनाएं निर्धारित प्रारूप में भरकर भेजनी होगी।