‘महाभारत’ में कर्ण के रोल से बदली थी पंकज धीर की जिंदगी, इस मामले में दी थी अमिताभ बच्चन-राजीव गांधी को टक्कर

Last Updated:October 15, 2025, 23:14 IST
पंकज धीर का 68 की उम्र में कैंसर से निधन हो गया. उन्होंने टीवी और फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए, लेकिन बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में कर्ण के किरदार ने उन्हें अमर कर दिया. इस किरदार के लिए उन्हें इतनी पॉपुलैरिटी मिली की अमिताभ बच्चन और उस समय के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी को भी टक्कर दी थी. पंकज धीर की पॉपुलैर अमिताभ बच्चन जितनी हुई थी.
मुंबई. टीवी शो ‘महाभारत’ में कर्ण की भूमिका निभाने वाले दिग्गज कलाकार पंकज धीर का निधन हो गया है. एक्टर कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और बुधवार को उन्होंने आखिरी सांस ली. पंकज को आज भी बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में कर्ण के शानदार रोल के लिए जाना जाता है. उनकी डायलॉग डिलीवरी और चेहरे के भावों ने फैंस का दिल जीत लिया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्ण का रोल मिलने से पहले पंकज सूर्य पुत्र कर्ण के बारे में कुछ नहीं जानते थे?
पंकज धीर ने भले ही महाभारत में कर्ण का रोल प्ले किया, लेकिन पहले उन्हें अर्जुन के रोल के लिए चुना गया था. एक इंटरव्यू में खुद पंकज ने इस बात का खुलासा किया था कि 3-4 महीनों तक तो वो मुंबई में अर्जुन बनकर घूमे थे क्योंकि ऑडिशन के समय उन्हें अर्जुन का रोल ऑफर हुआ था.
पंकज की कद-काठी और चेहरे के बनाव की वजह से उन्हें अर्जुन का रोल मिला, लेकिन फिर 4 महीने बाद उन्हें दफ्तर में बुलाया गया और कर्ण का रोल करने के लिए कहा गया. पहले तो पंकज ने कर्ण का रोल करने से मना किया क्योंकि उन्हें अपनी मूछें हटानी थीं. पंकज को लगता था कि अगर वो मूछें हटा देंगे तो अच्छे नहीं लगेंगे, लेकिन लोगों के कहने पर उन्होंने किरदार करने के लिए हां कर दिया.
पॉपुलैरिटी के मामले पर तीसरे नंबर थे पंकज धीर
एक इंटरव्यू में पकंज ने बताया कि कर्ण के रोल ने उनके जीवन को बदल दिया और उन्हें इतनी ज्यादा पॉपुलैरिटी मिली कि पॉपुलैरिटी पोल में वो तीसरे नंबर पर रहे थे. पहले नंबर और दूसरे पर राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन थे. पकंज ने कर्ण के रोल को करने के लिए हां तो कर दी थी, लेकिन उनका उच्चारण बिल्कुल भी शुद्ध नहीं था और वो कर्ण के बारे में कुछ नहीं जानते थे.
पंकज धीर को नहीं आती थी संस्कृत
इंटरव्यू में पकंज ने कहा था, “मुझे कर्ण के बारे में कुछ नहीं पता था, मैं बंबई का लड़का था.” इतना ही नहीं, पकंज को संस्कृत के शब्दों का ज्ञान नहीं था और पहले दिन सेट पर डायलॉग बोलते हुए उनकी हालत खराब हो गई थी. फिर उन्हें अपना उच्चारण सुधारने और हिंदी भाषा के शब्दों को सुधारने के लिए अखबार और किताब पढ़ने की सलाह दी गई. बता दें कि महाभारत में जब कर्ण की मौत हुई थी, तो लोग इतने परेशान हुए थे कि बस्तर के एक गांव में हजारों लोगों ने अपना सिर मुंडवा लिया था और एक्टर खुद उनसे मिलने के लिए गए थे.
Ramesh Kumar
रमेश कुमार, सितंबर 2021 से न्यूज 18 हिंदी डिजिटल से जुड़े हैं. इससे पहले एबीपी न्यूज, हिंदीरश (पिंकविला), हरिभूमि, यूनीवार्ता (UNI) और नेशनल दुनिया में काम कर चुके हैं. एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और पॉलिटिक्स में रूच…और पढ़ें
रमेश कुमार, सितंबर 2021 से न्यूज 18 हिंदी डिजिटल से जुड़े हैं. इससे पहले एबीपी न्यूज, हिंदीरश (पिंकविला), हरिभूमि, यूनीवार्ता (UNI) और नेशनल दुनिया में काम कर चुके हैं. एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और पॉलिटिक्स में रूच… और पढ़ें
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Mumbai,Maharashtra
First Published :
October 15, 2025, 23:14 IST
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कर्ण के रोल से बदली थी पंकज की जिंदगी, इस मामले में दी थी अमिताभ को टक्कर