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भीलवाड़ा का अनोखा पंचगव्य केंद्र, गौ माता से बन रही दवाएं, शैंपू और फेस पैक तक

Last Updated:April 11, 2025, 09:42 IST

भारतीय हिन्दू धर्म में गौ माता का बहुत बड़ा महत्व है. गाय से प्राप्त पंचगव्य से कई औषधियां बनती हैं.  भीलवाड़ा जिले के माधव गौ विज्ञान अनुसंधान संस्थान में पंचगव्य केंद्र है. जो भीलवाड़ा का पहला और इकलौता ऐसा के…और पढ़ेंX
गो
गो शाला में बनी दवाई 

वैसे तो आमतौर पर आपने कई प्रकार की गौशाला देखी होगी जिनमें गाय से दूध , छाछ , दही सहित गोबर के कंडे बनाए जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है. गाय से प्राप्त पंचगव्य से कई औषधियां भी बनाई जा सकती है यह कर दिखाया है.

भारतीय हिन्दू धर्म में गौ माता का बहुत बड़ा महत्व है. गाय से प्राप्त पंचगव्य से कई औषधियां बनती हैं.  भीलवाड़ा जिले के माधव गौ विज्ञान अनुसंधान संस्थान में पंचगव्य केंद्र है. जो भीलवाड़ा का पहला और इकलौता ऐसा केंद्र है. जहां पर विशेष रूप से गाय से प्राप्त पंचगव्य  कई प्रकार की चीजें बनाई जाती है. जिले के नौगांव स्थित माधव गौ विज्ञान अनुसंधान संस्थान में गाय के गोबर व गोमूत्र से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं. यहां गाय से प्राप्त पंचगव्य से कई प्रकार की औषधियां भी बनाई जाती हैं. इसके अलावा दमा की बीमारी, बीपी की बीमारी और चर्म रोग आदि बीमारियों के दवा भी पंचगव्य से बनाई जा रही है.

गाय के पंचगव्य से बनाती हैं कमाल की चीजेंमाधव गौ विज्ञान अनुसंधान संस्थान के पंचगव्य केंद्र व्यवस्थापक  बंसी लाल रैगर कहते हैं कि यहां पर स्थित पंचगव्य केंद्र भीलवाड़ा जिले का पहला पंचगव्य केंद्र है. यह भीलवाड़ा का इकलौता ऐसा केंद्र है, जहां पर पंचगव्य से बनाई जाने वाली दवाइयों के अलावा शैंपू और चेहरे के निखार ​के लिए फेस पैक भी बनाया जाता है. यहां जो सामान मिलता हैं वह बाजार से भी कम दाम में हैं.

गाय के पंचगव्य से बनता हैं यह सबअ​जीत​ सिंह बताते हैं गोमूत्र से कई प्रकार की चीजें यहां पर बनाई जाती है, जिनमें व्यवन प्राशावलेह जो कि जीवन शक्तिवर्धक, बलवर्धक, खांसी, जुकाम, श्वास में उपयोगी है. वहीं गोमूत्र अर्क जो एलर्जी, श्वास खांसी, मोटापा, पीलिया रोगो में उपयोगी है. गौमूत्र अर्क फोड़े-फुंसी, कैंसर, हृदय रोगों में उपयोगी है. महापरिचादि तेल जो दाद, खाज, खुजली व चर्म रोग में उपयोगी है. महाभृंगराज तेल जो बालों व सिर के सभी रोगों में उपयोगी है. वहीं गोमूत्र का वाष्पीकरण कर शैंपू भी बनाया जाता है.

Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

April 11, 2025, 09:42 IST

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