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रूस-यूक्रेन युद्ध: अरे पैट्रियट मिसाइल गोदाम में रखने से क्या फायदा, पुतिन के घातक हमले के बाद नाटो से गिड़गिड़ाए जेलेंस्की

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग और भयावह होती जा रही है. रूस ने एक बार फिर यूक्रेन को बड़ा जख्म दिया है. रूस ने दो बैलेस्टिक मिसाइल दागकर यूक्रेन को धुआं-धुआं कर दिया है. पुतिन के घातक हमले से जेलेंस्की खौफजदा हो गए हैं. यही वजह है कि उन्होंने नाटो देशों से एक बार फिर मदद की गुहार लगाई है. जेलेंस्की ने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि आखिर पैट्रियट मिसाइलों को गोदाम में रखने से क्या फायदा. दरअसल, रूस ने दो बैलिस्टिक मिसाइल दागकर सेंट्रल यूक्रेन में एक मिलिट्री एजुकेशनल फैसिलिटी (सैन्य प्रशिक्षण प्रतिष्ठान) पर हमला किया, जिसमें कम से कम 50 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए. फरवरी 2022 में रूस के हमले के बाद से यह अब तक का सबसे घातक हमला है.

रूस के इस घातक हमले के बाद जेलेंस्की नाटो के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए. उन्होंने कहा कि हम दुनिया के उन सभी देशों से बार-बार गुहार लगा रहे हैं, जिनके पास इस रूसी आतंक को रोकने की ताकत है. एयर डिफेंस सिस्टम और पैट्रियट मिसाइलों की जरूरत यूक्रेन में है, न कि कहीं गोदाम में. आखिर पैट्रियट डिफेंस सिस्टम-मिसाइलों को गोदाम में रखने का क्या फायदा. जेलेंस्की ने खुद कन्फर्म किया कि मंगलवार सुबह रूसी हमले में एक इमारत और एक अस्पताल पर दो बैलेस्टिक मिसाइलें दागी गईं.

यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से क्या मांग की?रूसी अटैक के बाद जेलेंस्की ने फिर से नाटो समेत पश्चिमी देशों से अपनी पुरानी मांग दोहराई. जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से अपील की कि वे यूक्रेन को और एयर डिफेंस दें और रूस के अंदर हमला करने के लिए यूक्रेनी सेना द्वारा उनके हथियारों का इस्तेमाल करने पर लगे प्रतिबंधों को हटा दें. उन्होंने कहा कि हमें रूसी हमलों से खुद को बचाने के लिए लंबी दूरी तक हमला करने वाले सक्षम हथियारों की जरूरत अभी है, बाद में नहीं. दुर्भाग्य से इसमें जितनी देरी होगी, उतने ही लोगों की मौत होगी.

रूसी अटैक से बचने का क्या तरीका?वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि रूसी मिसाइल बहुत कम समय में अपने टारगेट तक पहुंच गई. अधिकारियों की मानें तो लोग जब बम शेल्टर यानी बंकरों में घुसने की कोशिश कर रहे थे, तभी उन पर बैलेस्टिक मिसाइल से हमला हुआ. विदेश मंत्री कुलेबा की मानें तो उन रूसी मिसाइलों को रोकने का एकमात्र तरीका पैट्रियट सिस्टम या एक SAMP/T एयर डिफेंस सिस्टम था क्योंकि वे ही एकमात्र ऐसे सिस्टम हैं, जो बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने में सक्षम हैं.

यूक्रेन को और चाहिए पैट्रियट मिसाइलदरअसल, अमेरिका और जर्मनी ने यूक्रेन को कुछ पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम दिए हैं. हालांकि, यूक्रेन लगातार कहता रहा है कि ये नाकाफी हैं. उसका कहना है कि इतने से उसका बचाव मुश्किल है. वहीं, अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने जून में कहा था कि वो दूसरे देशों के मुकाबले यूक्रेन को बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम देने पर ध्यान दे रहा है.

रूस ने कहां अटैक कियाबता दें कि रूस का यह लेटेस्ट अटैक पोल्टावा शहर में हुआ. पोल्टावा रूस की सीमा से लगभग 110 किलोमीटर (70 मील) और कीव से करीब 350 किलोमीटर (200 मील) दक्षिण-पूर्व में स्थित है. यह शहर राजधानी कीव और यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के बीच मुख्य राजमार्ग और रेल मार्ग पर स्थित है. रूस-यूक्रेन के बीच 24 फरवरी, 2022 को युद्ध शुरू होने के बाद से यह हमला रूसी सेना द्वारा किए गए सबसे घातक हमलों में से एक प्रतीत होता है. यह हमला उस दिन हुआ जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगोलिया के दौरे पर हैं.

नाटो समेत कौन-कौन से देश यूक्रेन को हथियार दे रहे, एक नजर:अमेरिकाब्रिटेनस्पेनस्वीडनतुर्कियेअल्बानियाबेल्जियमबुल्गारियाकनाडाक्रोएशियाचेकियाडेनमार्कएस्टोनियाफ़िनलैंडफ्रांसजर्मनीग्रीसहंगरीआइसलैंड)इटलीलातवियालिथुआनियालक्समबर्गमोंटेनेग्रोनीदरलैंडउत्तरी मैसेडोनियापोलैंडपुर्तगालरोमानियास्लोवाकियास्लोवेनियायूरोपीय यूनियन के सभी सदस्य देश (हंगरी, साइप्रस और माल्टा को छोड़कर)

यहां बताना जरूरी है कि नाटो और यूरोपीय यूनियन के देश दोनों के सदस्य हैं.

Tags: Russia News, Russia ukraine war, Ukraine News, Ukraine war, Vladimir Putin, Volodymyr Zelensky

FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 06:34 IST

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