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जमीन की खुदाई कर रहे थे वैज्ञानिक, तभी मिला 17 हजार साल पुराना ‘खजाना’, हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

दुनियाभर में आए दिन वैज्ञानिक कई ऐसी खोज करते हैं, जिनके बारे में जानकर हैरानी होती है. साथ ही साथ हमें यह पता चलता है कि हजारों साल पहले इंसान किस स्थिति में रहता था. उस दौरान उनकी जिंदगी कैसी हुआ करती थी. हाल ही में इटली में भी आर्कियोलॉजी साइट के पास खुदाई में कुछ ऐसी ही चौंकाने वाली चीज नजर आई, जिसे देखकर साइंटिस्ट की नजरें भी फटी की फटी रह गईं. दरअसल, जमीन की खुदाई में गलती से उन्हें एक 17 हजार साल पुराने बच्चे के अवशेष मिल गए, जो बिल्कुल सही सलामत थे. जब अवशेष की जांच की गई, तो उस दौरान की चौंकाने वाली प्रथाओं के बारे में भी खुलासा हुआ. विशेषज्ञों द्वारा किये गए कंकाल विश्लेषण से पता चला कि हिमयुग के दौरान हृदय रोग से जब बच्चे की मृत्यु हुई थी, तब वह मात्र 16 महीने का था.

हालांकि, बच्चे के अवशेष से जुड़ी यह जानकारी हाल ही में एक जर्नल में प्रकाशित हुआ. लेकिन यह मामला 1998 का है. बताया जाता है कि उस दौरान पुरातत्वविदों को इटली के मोनोपोली में ग्रोट्टा डेल्ले मुरा गुफा की खुदाई करते समय गलती से बच्चे की कब्र मिल गई थी. सालों से इसकी जांच की जा रही है. अब जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, माना जा रहा है कि बच्चे का यह कंकाल कम से कम 17,000 वर्ष पूर्व का है, जब हिमयुग था. यह “बहुत अच्छी तरह से संरक्षित” था, जो गुफा के अंदर दो विशाल चट्टानों से ढका हुआ था. नेचर कम्युनिकेशन्स जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अवशेषों के डीएनए विश्लेषण से पता चला कि लड़के की नीली आंखें, काली त्वचा और घुंघराले गहरे भूरे बाल थे. वहीं, लड़के की मां अपनी गर्भावस्था के दौरान गंभीर रूप से कुपोषित थी.

वैज्ञानिकों के मुताबिक, बच्चे के अवशेष से पता चलता है कि उसकी मां परिवार के ही किसी सदस्य से प्रेग्नेंट हो गई थी. इस बात के लिए साइंटिस्ट ने Inbreeding Practices नाम के टर्म का इस्तेमाल किया है, जिसका मतलब अंतःप्रजनन प्रथा है. इस जर्नल की सह लेखिका फ्लोरेंस विश्वविद्यालय की मानवविज्ञानी एलेसेंड्रा मोदी ने इस खोज को एक “उल्लेखनीय उपलब्धि” बताया. उन्होंने न्यूसाइंटिस्ट से बातचीत में कहा, “बच्चे के इस अवशेष से हमें शिशु के वंश, शारीरिक विशेषताओं और यहां तक ​​कि कुछ स्वास्थ्य पहलुओं के बारे में ठोस निष्कर्ष निकालने में मदद मिली.” लड़के की त्वचा अधिकांश आधुनिक यूरोपीय लोगों की तुलना में अधिक काली पाई गई, लेकिन भारत, सिंगापुर जैसे उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले देशों के व्यक्ति जितनी काली नहीं थी. इन तमाम निष्कर्षों से शोधकर्ताओं को विश्वास हो गया कि यह शिशु विलाब्रुना नामक लोगों का पूर्वज था. ये ऐसे लोगों का एक समूह था जो हिमयुग के बाद 14,000 वर्ष पहले रहता था.

मानवविज्ञानी वैनेसा विलाल्बा-मौको ने इस खोज के बारे में कहा, “हम हिमयुग की आबादी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, और यह अध्ययन इस पहेली में एक मूल्यवान टुकड़ा जोड़ता है. बता दें कि बच्चे का कंकाल उत्कृष्ट स्थिति में पाया गया था, इसलिए वैज्ञानिक लड़के के दांतों का विस्तृत विश्लेषण करने में भी सक्षम थे. इससे पहले भी मनुष्यों के अवशेषों में मिले दांतों के विश्लेषण से वाइकिंग युग के एक प्राचीन दांत के सेट से एक क्रूर “दीक्षा अनुष्ठान” के संकेत मिले हैं , जो उनकी सामाजिक पहचान को दर्शाता था. एक हजार वर्ष पुराने मनुष्य के अवशेषों के अध्ययन से प्राप्त नए साक्ष्यों से पता चलता है कि वाइकिंग्स ने उसके दांतों में क्षैतिज खांचे भर दिए थे, जिससे उन्हें यह पहचानने में मदद मिली कि वे व्यापारी थे. शोध से पता चलता है कि दांतों में की गई ये फिलिंग उन स्थानों पर पाई गई, जहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाता था और फिल्ड किए गए दांतों वाले सभी व्यक्ति वयस्क पुरुष प्रतीत होते हैं.

Tags: Khabre jara hatke, OMG News, Shocking news, Weird news

FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 09:08 IST

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