दोस्तों ने पॉकेट मनी बचाकर शुरू की गौशाला, सोशल मीडिया से हो रही संचालित, 6 राज्यों के जुड़े लोग

नरेश पारीक/चूरू. प्रदेश में आज अनेकों गोशालाएं देखने को मिल जाएगी लेकिन चूरू के बालरासर तंवरान में एक ऐसी गौशाला संचालित हो रही है. जिसकी जितनी शुरू होने की कहानी दिलचस्प है उससे भी दिलचस्प उसके संचालन की है. जहां आज गौशाला में 150 के करीब दिव्यांग और बेसहारा गौवंश है. बालरासर तंवरान की श्री गोविंद गौ सेवा संस्थान जिसे शुरू करने वाला कोई सेठ या भामाशाह नहीं बल्कि गांव के ही 20 से 30 की उम्र के कुछ युवा है.
इन्होंने एक साल तक अपनी पॉकेट मनी से पैसे बचाकर साल 2017 में इस गौशाला को एक झोपड़े से शुरू किया था और आज देखते ही देखते समय के साथ गौशाला में ऐसे-ऐसे विकास कार्य हो रहे हैं जिसकी चौतरफा प्रसंशा हो रही है.
1 लाख इकट्टे कर शुरू की गौशाला
गांव के ही रवींद्र बताते है किगांव में आवारा गौवंश की समस्या और भूखे मरते, तड़पते गौवंश को देख उन्होंने अपनी पॉकेट मनी को बचाना शुरू किया और एक साल में करीब 1 लाख रुपए इकट्ठे कर गौशाला को शुरू किया. जिसके बाद से इस गौशाला का सफल संचालन अनवरत जारी है दिलचस्प बात ये है कि छोटे से गांव में संचालित होने वाली इस गौशाला से आज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 6 राज्यो के 10 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं.
6 राज्यो से जुड़े हैं लोग
ग्रामीण बताते है किउन्होंने गौदान महादान के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है और एक फेसबुक पेज जिसे गांव के भांजे महेन्द्रपाल देखते है.जिसमे राजस्थान के अलावा, यूपी, एमपी, गुजरात और महाराष्ट्र से लोग सदस्य के रूप में जुड़े हैं. जिनकी संख्या 10 हजार से अधिक है जो न सिर्फ अपनी आमदनी से पैसे बचाकर गौशाला के संचालन के लिए देते हैं. बल्कि जन्मदिन, एनिवर्सरी और पुण्यतिथि पर गौशाला में आर्थिक सहयोग करते हैं और 3 साल में सोशल मीडिया के माध्यम से श्री गोविंद गौ सेवा संस्थान में 30 लाख रुपए से अधिक की राशि आ चुकी है.
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2023, 23:44 IST