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27 बीघे में फैले इस आश्रम की 2007 में हुई थी स्थापना, यहां 12 ज्योतिर्लिंग के एक साथ कर सकते हैं दर्शन-this-ashram-built-in-27-bigha-established-in-2007-Here-you-can-have-darshan-of-12-Jyotirlingas

कोटा. सावन के इस पवित्र महीने में आज हम आपको एक ऐसे धाम के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर 12 ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं. वैसे तो भगवान महादेव के कई मंदिर हैं. लेकिन एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन हो जाते हैं. यह राजस्थान का एक मात्र मंदिर है जहां एक परिसर में 12 ज्योतिर्लिंग हैं. सावन के पावन महीने में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना चाहते हैं तो इस धाम में जरूर जाएं.

अनुज सैनी ने बताया कि कोटा से 70 किमी दूर, बूंदी जिले में गेंडोली में कंचनधाम स्थित है. यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर की गोलाई में बनी हैं. मध्य में शिव-पार्वती विराजित हैं. आसाम के गोवर्धन पीठाधीश कृष्णदास कंचन महाराज ने 27 बीघा क्षेत्र में साल 2007 में इसकी स्थापना की थी. सावन में यहां श्रद्धालु दूर दूर से शिवजी की पूजा अर्चना करने आते है. यहां सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है.

कोटा जिले से 60 से 70 किलोमीटर दूर लाखेरी मार्ग पर स्थित कंचन धाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों का अनूठा संगम है. यह धार्मिक स्थल जन-जन की आस्था का केंद्र बना हुआ है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों की अंदर वाली परिधि 400 मीटर व बाहर वाली परिधि 1 किमी में फैली हुई है. सोमवार को यहां देशभर से श्रद्धालु विशेष पूजा-अर्चना के लिए एकत्रित होते है.

कृष्णदास कंचन महाराज ने 2007 में गैंडोली के समीप कंचनधाम का निर्माण शुरू करवाया था. सभी ज्योतिर्लिंगों का निर्माण ग्रेनाइट और विशेष शिलाओं से करवाया गया है, जो हिमाचल प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात और नेपाल से शिलाएं एकत्रित कर चेन्नई स्थित महाबलीपुरम से पहुंचाया गया. यहीं शिलाओं को ज्योतिर्लिंगों का रूप दिया गया. खास बात यह है कि देश के अलग-अलग कोनों में स्थित ज्योतिर्लिंगों का नाप व स्वरूप इन शिलाओं को देकर निर्माण किया गया.

बंशीपुर पहाड़ बयाना (धौलपुर) पत्थर से मंदिर व कलात्मक छतरियों का निर्माण करवाया गया है. हर ज्योतिर्लिंग की सेवा के लिए अलग-अलग पंडित श्री कंचन धाम सेवा संस्था ट्रस्ट द्वारा संचालित है, जिसमें 30 लोगों का स्टाफ है. प्रत्येक ज्योतिर्लिंग की सेवा के लिए अलग-अलग पंडित नियुक्त हैं, जो नियमित रूप से सुबह व शाम पूजा करते हैं. सुबह के समय भगवान शिव का यहां शृंगार होता है और शाम के समय महाआरती की जाती है.

श्री कृष्णदास कंचन जी महाराज गिरिराज जी से कोटा आए थे. यहां उन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने सपने में दर्शन दिए और देवभूमि गैंडोली के समीप द्वादश ज्योतिर्लिंगाें को स्थापित करने के लिए कहा. भगवान श्रीकृष्ण के गुरु गर्ग जी महाराज ने जहां मंदिर का निर्माण हुआ, वहां तप किया था.

यहां है 12 ज्योतिर्लिंगों का संगम बीचोबीच सरोवर मध्य में शिव परिवार विराजमानकंचन धाम में प्रवेश करने के साथ ही असीम आनंद की अनुभूति होती है. यहां चारों तरफ शांतिपूर्ण माहौल है. कंचन धाम में सभी ज्योतिर्लिंग गोलाकार में स्थापित है. बीचोंबीच सरोवर बना हुआ है. इसके मध्य में शिव परिवार विराजमान हैं. श्री कृष्ण दास कंचन जी महाराज 13 अप्रैल 2019 को ब्रह्मलीन हो गए.

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FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 17:19 IST

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