Rajasthan

Storm On Fuel Surcharge, Angry Energy Secretary Summoned Discom – फ्यूल सरचार्ज पर मचा तूफान, नाराज ऊर्जा सचिव ने डिस्कॉम अफसरों को किया तलब

मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला

जयपुर। बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज (33 पैसे प्रति यूनिट) लगाने के डिस्कॉम के आदेश ने सीएमओ से लेकर ऊर्जा विभाग तक में हलचल मचा दी है। इस मामले में सीएमओ ने सुबह ही रिपोर्ट मांग ली। ऊर्जा विभाग से डिस्कॉम्स तक के अफसरों के फोन घनघना उठे। सूत्रों के मुताबिक ऊर्जा सचिव सुबोध अग्रवाल ने इस मामले में गहरी नाराजगी जताई की उन्हें अनभिज्ञ रख फ्यूल सरचार्ज के आदेश कैसे जारी कर दिए गए। इसके बाद डिस्कॉम के तीन उच्चाधिकारियों को सचिवालय बुला लिया और पूरी स्थिति की जानकारी ली। अफसर 6-7 घंटे तक सचिवालय में ही बैठे रहे। बताया जा रहा है कि ऊर्जा सचिव ने इस मामले की आधिकारिक जानकारी नहीं देने पर सीएमओ को अवगत कराया है। डिस्कॉम के सीएमडी भास्कर ए. सावंत और जयपुर डिस्कॉम एमडी नवीन अरोड़ा हैं।

सूत्रों के मुताबिक फ्यूल सरचार्ज को लेकर पूरा खाका तैयार कर सीएमओ भेजा गया और यहां से सीएम तक पहुंचाई गई। गौरतलब है कि फ्यूल सरचार्ज स हर उपभोक्ता को 33 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त राशि देनी होगी। इसके जरिए बिजली वितरण कंपनियां करीब 550 करोड़ रुपए वसूलेगी। यह राशि दिसम्बर 2021 से फरवरी 2022 तक के बिलों में तीन किश्तों में जुड़कर आएगी। पत्रिका ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।

ये अफसर समझाते रहे
यह मामला विद्युत भवन में आग की तरह फैला। सीएमडी और एमडी के निर्देश पर मुख्य अभियंता एस. पी. गुप्ता, अधीक्षण अभियंता (रेगुलेशन) उमेश गुप्ता, अधीक्षण अभियंता (कामर्शियल) पी.के. गुप्ता सुबह 11 बजे सचिवालय पहुच गए। ऊर्जा सचिव ने इन्हें भी बिना उनकी जनकारी के आदेश जारी करने पर सवाल किए। हालांकि, अफसरों ने उन्हें सीएमडी स्तर पर ही स्वीकृति देने के प्रावधान होने की जानकारी दी।

इस तरह दी जानकारी
-राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने फ्यूल सरचार्ज का फार्मूला तय किया हुआ है और उसी आधार पर सरचार्ज की गणना की जाती रही है। यह सिलसिला कई वर्ष से चलता आ रहा है।
-चूंकि, बिजली कंपनियां बनी हुई है और फ्यूल सरचार्ज स्वीकृति का मामला भी डिस्कॉम्स सीएमडी के पास ही भेजा जाता है। सीएमडी स्तर पर ही आदेश जारी किए जाते रहे हैं।
-फ्यूल सरचार्ज की गणना का आकलन और जांच स्वतंत्र चार्टेड अकाउंटेंट सके कराई गई है। इसके बाद ही सरचार्ज गणना को अंतिम रूप दिया जाता है।







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