Children’s Commission Meeting With Private Schools And Parents Associa – बाल आयोग की निजी स्कूलों और अभिभावकों संघ के साथ बैठक

ऑनलाइन क्लास और फीस सबंधी विवादों पर रखे प्रश्न, दिए अहम सुझाव
बैठक में संयुक्त अभिभावक संघ अध्यक्ष भी हुए शामिल

जयपुर, 25 मई
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता में निजी स्कूलों और अभिभावकों के मध्य ऑनलाइन शिक्षा और फीस सबंधी विवादों के समाधान के लिए राजस्थान विद्यालय फीस विनियमन अधिनियन 2016 को लेकर मंगलवार को वेबिनार का आयोजन किया गया।
संघ के प्रदेश विधि मामलात मंत्री अमित छंगाणी ने कहा वेबिनार में संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, राजस्थान अभिभावक संघ के अध्यक्ष सुशील शर्मा, ऑल राजस्थान पेरेंट्स फोरम के अध्यक्ष सुनील यादव, एडवोकेट सुरेंद्र कुड़ी, डॉ. सुरेंद्र भास्कर, गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल प्रदेशाध्यक्ष दामोदर गोयल, स्कूल शिक्षा परिवार अध्यक्ष अनिल शर्मा सहित राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के समस्त सदस्यों ने भाग लिया।
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने वेबिनार के आयोजन के लिए बाल आयोग का आभार जताया। उनका कहना था कि शिक्षा संवैधानिक अधिकार है, भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा रही है जिसमें गुरु का दर्जा भगवान से ऊपर दिया गया है। कोविड काल में दो तरह के पक्ष कानूनी और मानवीय सामने आए हैं। कानूनी पक्ष को कोर्ट में अभिभावकों और स्कूल प्रबंधकों ने रखा लेकिन मानवीय पक्ष में मानवता शर्मसार हुई।
1.75 करोड़ बच्चे राजस्थान में स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं जो कि राजस्थान की सम्पूर्ण जनसंख्या का 25 प्रतिशत है, उस पर क्या असर दूरगामी होने वाला है यह कोई नहीं सोच रहा। पौने दो करोड़ बच्चों के पूर्ण शिक्षा से दूर रहने के दूरगामी परिणामों पर होने वाले दुष्प्रभाव पर शिक्षा के अधिकारियों और सरकार को संज्ञान लेना होगा।
ऑनलाइन शिक्षा से बाल मन पर प्रभाव और निजी स्कूलों की हठधर्मिता से शिक्षा के संवैधानिक अधिकार का हनन और कानून की पालना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकार पर आ गई है।
वेबिनार में दिए सुझाव
अग्रवाल ने कहा कि कोविड से जिन स्टूडेंट्स की माता या पिता की कोरोना से मृत्यु हुई है सरकार को उन बच्चों को उसी स्कूल में अपने खर्चे पर पूरी शिक्षा दिलवानी चाहिए।