Rajasthan

Eco Friendly Funeral By Made Cow Dung Logs In Jaipur – जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जयपुर का गोमय परिवार, गोकाष्ठ से किए 250 से अधिक अंतिम संस्कार

राजधानी जयपुर के गोमय परिवार ने जुटा हुआ हैं जिसने गाय के गोबर के साथ राष्ट्रीय मुदृदा बने पराली को मिलाकर गोकाष्ठ तैयार की हैं जो ना सिर्फ फैक्ट्रियों में बॉयलर के रुप में काम आ सकती हैं, बल्कि बल्कि अंतिम संस्कार जैसे धार्मिक रीति रिवाज का भी प्रमुख हिस्सा बन सकती हैं। इससे ना सिर्फ पेड़ों की कटाई को रोककर पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि राष्ट्रीय समस्या बने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर भी अंकुश लगेगा।

By: abdul bari

Published: 15 Nov 2021, 04:10 PM IST

शैलेंद्र शर्मा/जयपुर। वर्तमान में जलवायु परिवर्तन का ज्वलंत मुद्दा पूरे विश्व के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। इसको लेकर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन के निमंत्रण पर जलवायु पर नेताओं का वर्चुअली शिखर सम्मेलन 22-23 अप्रैल को हुआ था। जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि दुनिया भर के लाखों लोग जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो रहे हैं। उनका जीवन और आजीविका पहले से ही इसके प्रतिकूल परिणामों का सामना कर रही हैं। ऐसे में जरुरत हैं ऐसे ठोस और सशक्त कदम उठाने की।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जयपुर का गोमय परिवार, गोकाष्ठ से किए 250 से अधिक अंतिम संस्कार

इसी दिशा में ठोस कदम उठाते हुए राजधानी जयपुर के गोमय परिवार ने जुटा हुआ हैं जिसने गाय के गोबर के साथ राष्ट्रीय मुदृदा बने पराली को मिलाकर गोकाष्ठ तैयार की हैं जो ना सिर्फ फैक्ट्रियों में बॉयलर के रुप में काम आ सकती हैं, बल्कि बल्कि अंतिम संस्कार जैसे धार्मिक रीति रिवाज का भी प्रमुख हिस्सा बन सकती हैं। इससे ना सिर्फ पेड़ों की कटाई को रोककर पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि राष्ट्रीय समस्या बने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर भी अंकुश लगेगा।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जयपुर का गोमय परिवार, गोकाष्ठ से किए 250 से अधिक अंतिम संस्कार

गोकाष्ठ से अंतिम संस्कार, चलाया संकल्प अभियान ( Gomay Samidha )

गोमय परिवार के निदेशक डॉ. सीताराम गुप्ता ने एमडी पंचगव्य कर 2015 में गो माता के गोबर से गोकाष्ठ का निर्माण किया। इससे दाह संस्कार करवाने का पुनीत कार्य शुरू किया। अब तक गोमय परिवार ने जयपुर में 250 अंतिम संस्कार करवाए। कोरोना की पहली लहर के समय गो काष्ठ से अंतिम संस्कार को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित करने के लिए एक संकल्प पत्र अभियान चलाया। जिसमें लोगों से जीवन में एक गोमय उत्पाद को अपनाने का संकल्प रखने का वादा लिया जा रहा हैं। यह पत्र भी गोबर के कागज पर तैयार किया।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जयपुर का गोमय परिवार, गोकाष्ठ से किए 250 से अधिक अंतिम संस्कार

ऑक्सीजन की कमी से मरते देखा तो दिल पसीज गया

कोरोना महामारी के बीच आमजन को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं होने की वजह से मरते देखा तो उनका दिल पसीज गया। मन में पीड़ा उठी कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे न केवल प्रकृति का संरक्षण हो अपितु गो माता का संवर्धन हो, किसान को संबलन मिले और पशु—पक्षियों का घर-बार उजड़ने से बचें और वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण किया जा सके। इस डॉ. गुप्ता ने गहरा शोध और अध्ययन कर गोकाष्ठ में पराली का संयोजन करके गोमय समिधा के रूप में ऐसी लकड़ी तैयार की हैं जो विश्व में पहली बार बनाई गई हैं। इस अनूठे प्रयास को केंद्र सरकार के स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम में चयनित किया गया और एमएनआईटी के एमआईआईसी परिसर में ऑफिस के लिए स्थान उपलब्ध कराया गया।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जयपुर का गोमय परिवार, गोकाष्ठ से किए 250 से अधिक अंतिम संस्कार

गोबर के कागज पर लिखी पुस्तक

डॉ. गुप्ता जी ने पिछले साल गोबर के बने कागज पर एक पुस्तक लिखी जिसे नाम दिया गोमय ज्ञान सागर। यह नाम के अनुरूप ही गो माता के ज्ञान का खजाना हैं। अभी हाल ही में देश में पहली बार गो माता के ज्ञान पर लिखी हुई इस पुस्तक को अमेज़न बेस्ट सेलर के अवार्ड से नवाजा गया।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जयपुर का गोमय परिवार, गोकाष्ठ से किए 250 से अधिक अंतिम संस्कार

गोमय परिवार जयपुर के संकल्प पत्र अभियान में जुड़ने के लिए मोबाइल नंबर 8949047806 अथवा 93515 69187 संपर्क करें।






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