Demand For Cancellation Of Offline Exam Of 12th – 12वीं की ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की मांग

छात्रों की जिंदगी से समझौता कर रही केंद्र सरकार
संयुक्त अभिभावक संघ सहित अभिभावक संगठन हुए एकजुट
ट्विटर पर चलाया कैम्पेन

जयपुर, 23 मई
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग को लेकर रविवार को संयुक्त अभिभावक संघ सहित देश के विभिन्न राज्यों के अभिभावकों ने ट्विटर पर कैम्पेन चलाया। मोदी जी नो ऑफलाइन एग्जाम के नाम से चलाए गए इस अभियान में संयुक्त अभिभावक संघ सहित दिल्ली, यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, तेलगांना, पश्चिमी बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के सभी अभिभावक संगठनों ने रविवार को ट्विटर पर मोदी जी नो ऑफलाइन एग्जाम चलाया, जिसमें स्टूडेंट्स भी शामिल हुए और ऑफलाइन परीक्षा का विरोध किया। अभियान रविवार को दिन भर ट्रेंड में रहा।
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि निजी स्कूल और केंद्र सरकार ऑफलाइन एग्जाम लेने पर अड़े हुए हैं जबकि देश में कोविड की तीसरी लहर दस्तक दे रही है। बिट्टू ने कहा कि केंद्र सरकार अभिभावकों की मांगों को दरकिनार कर विद्यार्थियों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है। जैसे सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा रद्द की गई हैं वैसे ही 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द होनी चाहिए। उनका कहना था कि एक तरफ केंद्र सरकार ऑनलाइन परीक्षा को विकल्प नहीं मान रही तो दूसरी तरफ ऑनलाइन क्लास संचालित करने के निर्देश स्कूलों को दिए जा रहे हैं। जब ऑनलाइन परीक्षा नहीं हो सकती तो क्यों विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर पिछले सवा साल से पढ़ाई करवाई जा रही है। प्रदेश के दो जिले डूंगरपुर और दौसा में बड़ी संख्या में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जानकारों के अनुसार यह प्रदेश में तीसरी कोरोना लहर हो सकती है। डूंगरपुर में 506 एवं दौसा में 341 बच्चे की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में अगर तीसरी लहर आती है तो हस्पतालों में डेढ़ लाख से अधिक बेड की आवश्यकता पड़ेगी, देश में 30 करोड़ से अधिक छात्र.छात्राएं हैं।
ट्विटर पर चलाया कैम्पेन, दिनभर रहा ट्रेंड में
राज्य सरकार स्पष्ट करे स्थिति
संघ के प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं स्थगित होने से विद्यार्थियों पर मानसिक दबाब बढ़ रहा है। उन्हें यह तक नहीं पता कि कब पढ़ाई करनी है, परीक्षा कब होगी। बेहतर होगा कि कोविड की स्थिति को देखते हुए सरकार 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर सभी विद्यार्थियों को प्रमोट कर दे।