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NRI Special : हैती में हिंसा के बाद राहत की खबर,वहां फंसे लोगों के लिए भारत सरकार ने जारी की हैल्पलाइन | Indian government issues helpline for people stranded in Haiti

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हैती में जारी है हिंसा
जानकारी के अनुसार कैरिबियाई देश हैती में गृह युद्ध ( civil war in haiti) से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। देश में फैली हिंसा के कारण 3,62,000 हैती वासियों को विस्थापित होना पड़ा। सशस्त्र गिरोह ( Armed Gang) देश की राजधानी पर कब्जा कर चुके हैं। वे राष्ट्रपति भवन समेत कई सरकारी इमारतों को निशाना बना रहे हैं। सड़कों पर गोलियां चल रही है। सशस्त्र गिरोह दुकानों और घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं, जिसके बाद हैती में 72 घंटों के लिए आपातकाल ( Emergency in haiti) लगा दिया गया है।
पीएम के इस्तीफे के बाद लूटपाट और आपातकाल
ध्यान रहे कि कैरेबियाई देश हैती के प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने में हिंसा और लूटपाट के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय देशों की आपातकालीन बैठक के बाद इस्तीफा दिया है। उन्होंने देश में शांति बहाल करने की अपील की थी। बता दें, देश में गृहयुद्ध के कारण लगातार हालत बिगड़ते जा रहे है।
सामूहिक हिंसा से हजारों लोग बेघर
हैती की सरकार ने पोर्ट-ऑ-प्रिंस में गत रविवार को कैदियों के दो बड़े जेल तोड़ कर भागने और भारी गोलीबारी के बाद आपातकाल की घोषणा कर दी थी। वहीं हवाई अड्डे के आसपास सशस्त्र गिरोह गोलीबारी के बाद हाईटियन सैनिक टूसेंट लौवरचर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास गश्त कर रहे हैं।
हजारों लोग घरों से भागने को मजबूर
हैती में प्रधानमंत्री को हटाने के लिए एक शीर्ष गिरोह के नेता के दबाव के कारण हैती में भड़की हिंसा ने लगभग 15,000 से अधिक लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर कर दिया। लोगों में भय व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि हैती में विदेशी सैनिकों की तैनाती के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधानमंत्री एरियल हेनरी की केन्या यात्रा के साथ हालात और बदतर हो गए थे ।
प्रभावितों ने कहा, हम सड़कों पर
प्रभावितों का कहना है कि सशस्त्र गिरोहों ने हमें अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया। उन्होंने हमारे घरों को नष्ट कर दिया, और हम सड़कों पर हैं । कुछ लोग अपना घर छोड़ने के बाद एक शिविर में रह रहे हैं। भारत सरकार हालात पर नजर रखे हुए है और प्रभावितों की मदद करने के लिए सजग और सतर्क है।
प्रभावितों ने कहा, हम सड़कों पर
प्रभावितों का कहना है कि सशस्त्र गिरोहों ने हमें अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया। उन्होंने हमारे घरों को नष्ट कर दिया, और हम सड़कों पर हैं । कुछ लोग अपना घर छोड़ने के बाद एक शिविर में रह रहे हैं। भारत सरकार हालात पर नजर रखे हुए है और प्रभावितों की मदद करने के लिए सजग और सतर्क है।
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