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राजस्थान में ब्लैक फंगस के बढ़े मामलों ने सरकार की बढ़ाई चिंता, SMS अस्पताल में बना अलग वार्ड

प्रदेश के सबसे बड़े SMS अस्पताल में बीते दो दिन में डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस से पीड़ित 45 मरीजों के ऑपरेशन किए हैं

प्रदेश के सबसे बड़े SMS अस्पताल में बीते दो दिन में डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस से पीड़ित 45 मरीजों के ऑपरेशन किए हैं

प्रदेश में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए एसएमएस अस्पताल में इसे लेकर नया वार्ड शुरू किया गया है. यहां अभी तक ब्लैक फंगस के 85 मरीज भर्ती हो चुके हैं. मरीजों के भर्ती होने के साथ ही उनके इलाज को लेकर ईएनटी (ENT) डॉक्टरों की टीम लगातार काम कर रही है

जयपुर. राजस्थान में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामले कम होने लगे हैं तो अब ब्लैक फंगस ने नई परेशानी खड़ी कर दी है. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार अब तक यहां 700 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस (SMS) अस्पताल में 80 से अधिक ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों का इलाज चल रहा है. खास बात यह है कि एसएमएस अस्पताल की ईएनटी (ENT) डॉक्टरों की टीम लगातार मरीजों के ऑपरेशन में जुटी हुई है. ब्लैक फंगस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. दरअसल मधुमेह (Diabetes) से पीड़ित कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्टेरोयड देने से उनमें ब्लैक फंगस की शिकायत सामने आ रही है. अब तक राज्य में 700 से अधिक केस रजिस्टर हो चुके हैं. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए एसएमएस अस्पताल में इसे लेकर नया वार्ड शुरू किया गया है. यहां अभी तक ब्लैक फंगस के 85 मरीज भर्ती हो चुके हैं. मरीजों के भर्ती होने के साथ ही उनके इलाज को लेकर ईएनटी डॉक्टरों की टीम लगातार काम कर रही है. पिछले दो दिन में ही अस्पताल में 45 ऑपरेशन किए गए हैं. गंभीर बात यह है कि पांच-छह मरीजों में यह फंगस ब्रेन तक पहुंच गया है. डॉक्टर ऐसे मरीजों को लेकर विशेष एहतियात बरत रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस के मरीज देर से अस्पताल पहुंच रहे हैं जिसके कारण उनके उपचार में भी काफी देरी हो रही है. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मोहनीश ग्रोवर ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामलों में इलाज में देरी खतरनाक हो सकती है इसलिए इसके सिम्टम दिखते ही इलाज लेना आवश्यक है. प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है जिसके बाद इसके इलाज के लिए 20 अस्पताल अधिकृत करने और इलाज का प्रोटोकॉल व अधिकतम दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं. साथ ही मधुमेह से पीड़ित कोरोना संक्रमित मरीजों को सीमित मात्रा में स्टेरोयड देने के भी निर्देश दिए गए हैं.





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