Bride anjali kanwar barmer rajasthan ask father to donate 75 lakh dowry money to girls education cgpg – विदा होने से पहले बेटी बोली

बाड़मेर. राजस्थान के सरहदी बाड़मेर (Barmer) की एक शादी देश भर में सुर्खियां बटोर रही है. इन सुर्खियों की वजह है शादी में वधु को मिले कन्यादान की राशि को गर्ल्स हॉस्टल के लिए दान दे देना. बाड़मेर की अंजलि कंवर ने पिता द्वारा कन्यादान में दिए 75 लाख रुपये गर्ल्स हॉस्टल को दान देकर मिशाल पेश की है. इस गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिए अंजलि कंवर (anjali kanwar) के पिता किशोर सिंह कानोड़ पहले ही 1 करोड़ रुपए का दान कर चुके है. अंजलि के इस कदम के चर्चे हर तरफ हैं. बाड़मेर की रहने वाली अंजलि ने बचपन में ही पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होने की ठान ली थी. पिता किशोर सिंह कानोड़ ने हर कदम पर उसका बखूबी साथ दिया और पढ़ाया.
बारहवीं के बाद अंजलि की पढ़ाई को लेकर लोगों ने उसके पिता को ताने देने शुरू कर दिए. कहने लगे कि बेटी को पढ़ाकर आईएएस या आरएएस बना दोगे. लोगों की ऐसी बातें अंजलि को मन ही मन कचोट रही थी, लेकिन पढ़ने की जिद नहीं छोड़ी और स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर ली. शादी से पहले पिता से कहा कि उसे दहेज नहीं चाहिए, दहेज में जितनी राशि देना चाहते हो वह समाज की बेटियों के लिए छात्रावास निर्माण के लिए देना है. फिर पिता ने बेटी के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया.
बाड़मेर की बैटी ने पेश की मिसाल
बीते दिनों अंजलि पुत्री किशोर सिंह कानोड़ की शादी प्रवीणसिंह पुत्र मदनसिंह भाटी रणधा के साथ बाड़मेर में हुई. शादी की रस्में निभाई गई. विदाई से पहले अंजलि कंवर ने एक पत्र महंत प्रतापपुरी महाराज को दिया. इसमें शादी में दहेज नहीं लेकर बेटियों के लिए छात्रावास निर्माण की बात लिखी थी. महंत प्रतापपुरी ने समाज के लोगों की मौजूदगी में अंजलि कंवर की भावनाएं प्रकट की तो तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया. इस दौरान किशोरसिंह कानोड़ ने खाली चेक थमाते हुए कहा कि छात्रावास के लिए जितनी भी राशि चाहिए वो इसमें भर देना.
राजपूत समाज में पहली बार किसी बेटी ने दहेज में बेटियों की शिक्षा के लिए छात्रावास की मांग रखी है. अंजली कंवर के मुताबिक वह पढ़ना चाहती थी और परिवार भी उसके साथ खड़ा था,लेकिन समाज के लोग हौंसला बढ़ाने की बजाय तोड़ने का काम कर रहे थे. उसे पढ़ाई से ज्यादा इस बात की हमेशा पीड़ा रहती थी कि वह तो पढ़ जाएगी, लेकिन समाज की दूसरी बहनें इस माहौल में कैसे पढ़ाई करेगी? इसलिए पढ़ाई के दौरान ही निर्णय कर लिया था कि शादी में दहेज न लेकर अनूठी पहल करूंगी. इस बारे में पहले परिवार में किसी को नहीं बताया. शादी से पहले पिता किशोरसिंह के सामने बात रखी तो उन्होंने बिना सोचे व समझे ही हां भर दी.
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पिता पहले भी कर चुके है दान
आपको बता दें कि एनएच 68 पर राजपूत छात्रावास परिसर में बालिका छात्रावास निर्माण के लिए समाजसेवी किशोरसिंह ने एक करोड़ रुपए की घोषणा कर रखी है, लेकिन छात्रावास को पूरा करने के लिए 50 से 75 लाख रुपए की और जरूरत है. इस अधूरे काम को अंजलि दहेज में दी राशि से पूरा करवाएंगी. अंजलि के दादा ससुर कैप्टन हीरसिंह भाटी के मुताबिक अंजलि की सोच ने आज एक मिशाल पेश की है.
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