राजस्थान में यहां बनती है सबसे महंगी और आकर्षक गणगौर, कीमत जान हो जाएंगे हैरान, विदेश से भी आते हैं ऑर्डर

Last Updated:March 27, 2025, 17:14 IST
Bikaner Rajasthan Gangaur Making Tradition: राजस्थान में गवर और ईसर बनाने का काम पीढ़ियों से चला आ रहा है. बीकानेर के ईश्वर दास आर्ट गैलरी के संचालक सांवरलाल सुथार ने बताया कि तीन से चार पीढियों से यह काम चल र…और पढ़ेंX
बीकानेर में ढाई लाख की गवर तैयार करके बेची गई है
हाइलाइट्स
बीकानेर की गणगौर की कीमत लाखों में होती है.गणगौर बनाने का काम पीढ़ियों से चला आ रहा है.विदेशों से भी गणगौर के ऑर्डर आते हैं.
बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर की गणगौर अपनी खूबसूरती और कारीगरी के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां गणगौर की कीमत हजारों में नहीं बल्कि लाखों में होती है. हाल ही में बीकानेर में ढाई लाख की गवर तैयार करके बेची गई है और गवर और ईसर मिलाकर इनकी कीमत करीब पांच लाख रुपए आती है. यहां गवर को देखकर ऐसा लगता है कि मानो किसी महिला को खड़ा किया हो.
बीकानेर के विश्वकर्मा गेट के अंदर गणगौर बनाने वाले कारीगर इन दिनों गवर और ईशर बनाने के कामों में लगे हुए है. वे सुबह से लेकर शाम तक इसी काम में लगे रहते है.यहां सांगवान की लकड़ी से गवर और ईशर बनाए जाते हैं. इनकी बनाई हुई गवार देश और विदेश में जाते है. अभी करीब एक माह पहले जोधपुर निवासी जो हाल में अमेरिका रहते है, उन्हें गवर भेजी गई थी. इसके अलावा मुंबई, कोकलाता, दिल्ली और चेन्नई सहित राजस्थान के हर कोने से ऑर्डर मिलता है.
30 हजार से लेकर 5 लाख की बनती है गणगौर
ईश्वर दास आर्ट गैलरी के संचालक सांवरलाल सुथार ने बताया कि यह गवर और ईसर बनाने का काम पीढ़ियों से चला आ रहा है. करीब तीन से चार पीढियों से यह काम चल रहा है. गणगौर तो हर साल बना रहे है. यहां 30 हजार से ढाई लाख और पांच लाख तक का गणगौर और ईशर बन जाते है. अभी हाल ही में सिर्फ गणगौर बनाई है उसकी कीमत ढाई लाख है और अगर ईशर बनाते है तो दोनों मिलाकर पांच लाख तक कीमत आती है.उन्होंने बताया कि पांच फीट की गणगौर बनाने में करीब दो से ढाई माह लग जाता है. इस गणगौर को बनाने में तीन से चार कारीगर मिलकर तैयार करते हैं. अभी गणगौर का त्यौहार देखते हुए सात से आठ लोग मिलकर काम कर रहे हैं. यह काम पूरे सालभर तक चलता रहता है. हर साल 50 से 60 गणगौर का ऑर्डर मिल ही जाती है.
सालोभर गणगौर बनाने का काम रहता है जारी
उन्होंने बताया कि हालांकि इस साल गणगौर बनाने का ऑर्डर बढ़ा है. उन्होंने बताया कि अलग- अलग साइज की गवर और ईशर तैयार करते है. सबसे बड़ी गवर और ईशर चार फीट करते हैं. यहां गणगौर को तैयार करने में तीन अलग-अलग प्रक्रिया होती है. सबसे पहले लकड़ी की गणगौर को आकार और साइज के मुताबिक ढाल कर बनाया जाता है. इसके बाद चित्रकार उसमें रंग करते हैं और उसके बाद आंख, नाक और कान की चित्रकारी कर उसे रूप दिया जाता है. इसके बाद साज-सज्जा और श्रृंगार का काम होता है और इन सब के बाद गणगौर पूरी तरह तैयार हो जाती है.
Location :
Bikaner,Rajasthan
First Published :
March 27, 2025, 17:14 IST
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राजस्थान में यहां बनती है सबसे आकर्षक गणगौर, लाखों में होती है कीमत