Rajasthan

श्री कृष्ण को अति प्रिय है यह मोर पंख, यूपी के कारीगर राजस्थान में बेच रहे…इतनी है कीमत

रवि पायक/भीलवाड़ा : भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए जिस तरह प्रसाद के रूप में मक्खन को सबसे ज्यादा प्रिय माना गया है, ठीक उसी प्रकार श्री कृष्ण के श्रृंगार में आभूषणों से ज्यादा मोर पंख का महत्व बताया गया है. श्री कृष्ण के लिए मोर पंख अत्यंत प्रिय होते हैं. इसलिए श्रीकृष्ण के मुकुट पर हमेशा मोर पंख लगा होता है. मान्यता ऐसी है कि भगवान का श्रृंगार इस मोरपंख के बिना अधूरा सा माना जाता है. भगवान की दर में झाड़ा लगाने के लिए इसी पंख का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है. हिंदू धर्म में मोर पंख को भगवान की सेवा-पूजा के लिए शुभ बताया गया है.

भीलवाड़ा शहर में इन दिनों उतर प्रदेश से कुछ लोग मोरपंख बेचने आए हैं. यह मोरपंख काफी आकर्षक डिजाइन के हैं. यह कारीगर मोरपंख बनाने का सामान भी अपने साथ लेकर आए हैं. खासतौर से यूपी के ये कारीगर बीजना और झाड़ा बना रहे हैं. जिन्हें यह हर साइज में कृष्ण भक्तों को 50 से 200 रुपये तक बेच रहें हैं. भीलवाड़ा के लोग भी इन मोर पंखों को खरीदने में खूब दिलचस्पी ले रहें हैं.

उतर प्रदेश के बांदा के रहने वाले मोनू ने बताया कि वह करीब 15 सालों से मोर पंख को अलग-अलग आकार देकर बनाते आ रहें हैं. भीलवाड़ा में करीब चार-पांच महीनों से वह मोर पंख के अलग-अलग आकार की पंखी, बीजना और झाड़ा बेच रहे हैं, जो भीलवाड़ा के लोगों को बहुत पसंद भी आ रहे हैं.

बहुत खास है यह मोर पंखवहीं दूसरी तरफ पुजारियों का भी मानना है कि किसी मंदिर में अगर भगवान के अर्पित किया गया मोर पंख का झाड़ा यदि किसी छोटे बच्चे या व्यक्ति पर करते हैं तो उसको नजर नहीं लगती है. क्योंकि यह मोरपंख भगवान कृष्ण को अतिप्रिय होने के कारण बुरी शक्तियों यानी बुरी नजर को समाप्त कर देता है. हिंदू धर्म में मूर्ख पंख को काफी पवित्र माना जाता है और इसकी कई मानता है.

FIRST PUBLISHED : May 17, 2024, 16:08 IST

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