These three big personalities of Rajasthan got Padma Shri award

Last Updated:April 29, 2025, 16:58 IST
इस साल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अलग-अलग राज्यों के 71 प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया. आपको बता दें कि इस साल पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री के लिए कुल 139 नामों की घोषणा 25 जनवरी क…और पढ़ें
जयपुर की लोकगायिका बेगम बतूल पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
हाइलाइट्स
जयपुर की बतूल बेगम को मिला पद्मश्री पुरस्कार.जोधपुर के शीन काफ निजाम को पद्मश्री से सम्मानित किया गया.सीकर के संत बैजनाथ महाराज को पद्मश्री पुरस्कार मिला.
जयपुर:- हर साल देश में शिक्षा, कला, संगीत, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में समाज से उत्कृष्ट कार्य के लिए नागरिकों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. ऐसे ही इस साल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अलग-अलग राज्यों के 71 प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया. आपको बता दें कि इस साल पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री के लिए कुल 139 नामों की घोषणा 25 जनवरी को की गई थी.
इस साल के पद्मश्री पुरस्कारों में हर साल की तरह राजस्थान की तीन हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस साल राजस्थान से जोधपुर के शायर शीन काफ निजाम, जयपुर की मशहूर मांड गायिका बतूल बेगम और सीकर के लक्ष्मणगढ़ के संत बैजनाथ महाराज को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. राजस्थान की इन तीनों हस्तियों को अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया.
राजस्थान की फेमस लोकगायिका हैं बेगम बतूलआपको बता दें कि 2025 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाली बेगम बतूल जयपुर की प्रसिद्ध लोक गायिका हैं. बेगम बतूल हिंदू भजन और मुस्लिम मांड की शानदार कलाकार हैं, जिनके शब्दों में सांप्रदायिक सौहार्द का एक अलग एहसास सीधा दिलों के तार छेड़ता है. लोकगायिका बेगम बतूल मुस्लिम होने के बावजूद देवी-देवताओं के भजनों की प्रस्तुतियां देती हैं, जिन्हें लोग मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं. लोकगायिका बेगम बतूल दुनियाभर के बड़े मंचों पर अपने गायन की प्रस्तुतियां दे चुकी हैं.
आध्यत्मिक गुरु बैजनाथ महाराज को पद्म श्रीलोकगायिका बेगम बतूल के अलावा राजस्थान से आध्यात्मिक गुरु बैजनाथ महाराज को पद्म श्री से सम्मानित किया गया. आपको बता दें कि बैजनाथ महाराज सीकर के लक्ष्मणगढ़ के रहने वाले हैं और श्रीनाथ जी आश्रम के गद्दी पर ये 1995 से विराजमान है, जिन्होंने अध्यात्मवाद पर काफी काम किया. आपको बता दें कि बैजनाथ जी महाराज का जन्म 1935 में समीपवर्ती गांव पनलावा में हुआ था.
ग्रामीण अंचल में जगाई शिक्षा की अलखछः साल की उम्र में ही नाथ संप्रदाय के विलक्षण अवधूत संत श्री श्रद्धानाथ जी महाराज ने इन्हें अपना शिष्य बनाकर बैजनाथ नाम दिया. 1960 से लेकर 1985 तक संत बैजनाथ महाराज ग्राम भारती विद्यापीठ कोठ्यारी में प्राचार्य के पद पर रहकर ग्रामीण अंचल में शिक्षा की अलख जगाई. 1985 में सेवानिवृत्त होने पर परम संत श्री श्रद्धानाथ जी महाराज ने अधिकृत रूप से बैजनाथ महाराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.
तब से लेकर आजतक संत बैजनाथ जी महाराज लक्ष्मणगढ़ स्थित श्रद्धानाथ जी महाराज के आश्रम के पीठाधीश्वर के रूप में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं. संत बैजनाथ जी ने वैदिक शिक्षा की अलख जगाने के उद्देश्य से श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना की, जहां हजारों बच्चों को योग वैदिक शिक्षा-दीक्षा देने का कार्य कर रहे हैं.
प्रसिद्ध लेखक शीन काफ निजाम को भी मिला पद्मश्री आपको बता दें कि लोकगायिका बेगम बतूल और आध्यात्मिक गुरु बैजनाथ महाराज के अलावा राजस्थान के शीन काफ निजाम को भी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. शीन काफ निजाम को लेखक के रूप में पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त हुआ.
शीन काफ निजाम जिन्हें लोग शिव किशन बिस्सा के नाम से भी जानते हैं, जो उर्दू के बड़े शायर हैं. शीन काफ निजाम जोधपुर के रहने वाले हैं, जिन्हें 2010 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. शीन काफ निजाम अपनी उर्दू शायरी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं.
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
April 29, 2025, 16:58 IST
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राजस्थान की इन 3 हस्तियों को मिला पद्मश्री पुरस्कार, इन क्षेत्रों में योगदान