Rajasthan

This is the world’s biggest bhog, dal halwa is being made for the first time, so many workers made the bhog for three days

नववर्ष यानी साल के पहले दिन बीकानेर से करीब 30 किलोमीटर दूर देशनोक स्थित विश्व प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा भोग लगाया है. यहां कोई 100 से 1000 किलो नहीं बल्कि 16775 किलो का भोग लगाया गया है. यहां मंदिर में माता के अलावा चूहों को भी भोग लगाया गया. इन चूहों को यहां काबा बोला जाता है. इसके बाद यह प्रसाद आमजन में वितरित किया गया.

साल के पहले दिन लाखों में संख्या में लोगों ने करणी माता के दर्शन करके आशीर्वाद लिए. यहां बीकानेर सहित देश के अलग अलग जगहों और विदेशी सैलानी ने भी माता के दर्शन किए. इस मंदिर में साल में एक बार एक सावन भादो कढ़ाई महाप्रसादी बनाया जाता है. यहां मान्यता है कि मनोकामना पूरी होने पर भक्त ‘सावन भादो कढ़ाई’ का भोग बनवाते है. दावा है कि ये विश्व का सबसे बड़ा भोग है. यहां फावड़े से छोटे छोटे कड़ाव में दाल का हलवा डाला जा रहा है.

16775 किलो का भोग लगायादेशनोक मंदिर ट्रस्ट से जुड़े गिरिराज सिंह बारहठ ने बताया कि यहां  दुनिया का सबसे बड़ा भोग चढ़ाया गया. यह पहला मौका है, जब दाल का हलवा तैयार किया जा रहा है. इस प्रसाद को बनाने के लिए 3 हजार 130 किलो मूंग दाल, 3130 किलो घी का इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा एक किलो केसर डाली गई. हलवे को मीठा और स्वादिष्ट बनाने के लिए 3912 किलो चीनी, 4500 किलो मावा, छह किलो इलायची, सौ किलो बादाम कतरन और 51 किलो पिस्ता भी डाला गई है.

3 हजार 130 किलो मूंग दालहलवा बनाने के लिए वैसे तो पूरा देशनोक गांव के लोग लगे है करीब 150 से 200 कार्यकर्ता पिछले तीन दिन से करणी माता मंदिर में लगे हुए थे. मंदिर परिसर में ही भारी भरकम कड़ाव रखा हुआ है. कड़ावों को जमीन पर बनी भट्टियों पर चढ़ाया जा चुका है. दाल का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले दाल को सेंकना पड़ता है. ऐसे में कड़ाव में दाल सेकने के लिए कई भक्त हाथ में खुरपा लेकर दाल को हिलाते नजर आ रहे हैं. सभी भक्त कार्यकर्ताओं को अलग-अलग समय पर काम का जिम्मा दिया जा रहा है.इस बार हलवा बनाने के लिए पहले छोटी-छोटी दस से ज्यादा कढाई का उपयोग किया गया. एलपीजी गैस की मदद से दाल को सिकाने के बाद इन्हें बड़ी कढाई में डाला गया.

करणी माता मंदिरदेशनोक करणी माता मंदिर में कई बार महाप्रसादी होती है. कई क्विंटल प्रसाद भी बनता है लेकिन पहली बार सत्रह हजार पांच सौ किलो प्रसाद चढ़ गया आयोजक दावा कर रहे हैं कि अब तक न सिर्फ देशनोक बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में इतना प्रसाद और भोग एक साथ नहीं हुआ. ऐसे में इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल करने का प्रयास हो रहा है. इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम को इस भोग का रिकार्ड करने के लिए बुलाया गया है.

महाराजा गंगा सिंह ने बनाई थी कढाईबीकानेर के पूर्व महाराजा गंगा सिंह ने यहां पर कढाई बनाई थी, जिसमें इस समय प्रसाद तैयार हो रहा है. इन कढाई का वजन क्विंटल में है और आकार भी काफी बड़ा है. पहले यहां लकड़ी से कढ़ाई गर्म होती थी लेकिन अब इसे इलेक्ट्रिक बना दिया गया है. ऐसे में प्रसाद जल्दी बनता है.

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FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 07:59 IST

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