Rajasthan

अश्लील वीडियो देखने में इस राज्य ने किया टॉप, दिल्ली- मुंबई भी हुए फेल, 20 हजार लोग देखते हैं गंदी फिल्म!

आज के समय में इंटरनेट के बिना जिंदगी का गुजारा मुश्किल है. जहां कई लोगों की जॉब ही इस इंटरनेट से चलती है वहीं कई लोग मनोरंजन के लिए इंटरनेट पर निर्भर करते हैं. इंटरनेट की मदद से देश-दुनिया की जानकारी रखी जाती है. लोगों को इंटरेनट की वजह से कई तरह की मदद मिलती है. लेकिन इसकी हेल्प से कोई क्राइम ना हो जाए, इसके लिए कई संस्थान बनाए गए हैं, जो लोगों की सर्च हिस्ट्री पर नजर रखते हैं.

ऐसी ही एक संस्थान नेशनल सेंटर फ़ॉर मिसिंग ऐंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन ने हाल ही में चौंकाने वाला खुलासा किया. एक ये अमेरिकी एनजीओ है, जिसने ये पता लगाया कि भारत का वो कौन सा राज्य है, जहां के लोगों ने सबसे ज्यादा गंदी फिल्में देखने के लिए सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. खासकर बच्चों से जुड़ी अश्लील फिल्मों को देखने के लिए. इसका जवाब आपको हैरान कर देगा. अपनी विरासत और परंपरा के लिए मशहूर राजस्थान ने इस मामले में बाजी मार ली.

ऐसा है रिकॉर्डएनजीओ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे भरत में हर महीने सौ करोड़ लोग अश्लील साइट्स पर जाते हैं. ये पूरी दुनिया के ट्रैफिक का साठ प्रतिशत है. यानी सबसे ज्यादा भारतीय ही गंदी फिल्में देखने के शौक़ीन हैं. इसमें भी सिर्फ राजस्थान से हर महीने बीस हजार लोग इन्हें देखना पसंद करते हैं. इसमें भी बच्चों से जुड़ी फिल्में लोगों की सर्च हिस्ट्री पर सबसे ऊपर रहती है.

हो रही है कार्यवाईबच्चों के प्रति घटिया मानसिकता वाले लोग पहले इन फिल्मों को देखते हैं और फिर असल जिंदगी में क्राइम को अंजाम देते हैं. राजस्थान के साइबर क्राइम के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने इस मामले पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के सभी जिलों में साइबर पेट्रोलिंग सेल मौजूद हैं. ये इस तरह के कंटेंट पर नजर रखते हैं. अभी तक उन्होंने एक सौ सात ऐसी साइट बंद करवाई हैं, जिसपर बच्चों के अश्लील वीडियो पोस्ट किये जाते थे.

Tags: Child sexual abuse, Child sexual harassment, Internet users, Shocking news

FIRST PUBLISHED : May 6, 2024, 11:17 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj