जालौर के इस टीचर ने एजुकेशन में किए 40 से अधिक इनोवेशन, इनकी पहल से बच्चों के कंधे से कम हुआ बोझ
जालौर: शिक्षक दिवस पर हमें ज्ञान का भंडार देने वाले गुरुजनों का सम्मान किया जाता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पूरे शिक्षा के क्षेत्र में कई नवीन पहल करते हुए इस क्षेत्र मे सुधार करने का काम किया है. चाहे नो बैग डे हो या फिर समय अवधि के अनुसार पाठ्यक्रम. इनके शिक्षा के क्षेत्र में किए गए इनोवेशन को शिक्षा विभाग ने भी अपनाया है. हम बात कर रहे हैं जालोर जिले की रेवत सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सरकारी टीचर संदीप जोशी की. शिक्षा के क्षेत्र में संदीप जोशी ने 40 से ज्यादा इनोवेशन किए हैं.
इन इनोवेशन को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, एनसीईआरटी, पाठ्यपुस्तक मंडल ने अपनाया है. शनिवार को नो बैग डे उन्हीं का विचार था और समयावधि आधारित पाठ्यक्रम भी उन्हीं की देन है. उन्होंने बच्चों को बस्ते के बोझ से मुक्ति दिलाते हुए प्रदेशभर के कक्षा 1 से 5 तक के 50 लाख बच्चों को इस पहल से फायदा मिला. शिक्षक संदीप जोशी ने बताया कि एक दौर था जब गुरुकुल में बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा व्यवहारिक शिक्षा देकर कौशल विकास किया जाता था. इनमें 64 कलाएं सिखाई जाती थी. शिक्षा उसी स्तर पर पहुंचनी चाहिए. बच्चों को पढ़ने में आनंद आना चाहिए. बच्चे बस्ते के बोझ के तले न दबे रहें.
बिड़ला सभागार में होंगे सम्मानिततीसरी बार जयपुर में होंगे सम्मानित संदीप जोशी को इस अनोखी पहल के लिए जिला स्तर पर 2018 और 2023 में सम्मानित किया गया था. अब शिक्षक दिवस पर जयपुर के बिड़ला सभागार में होने वाले राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा. सिर्फ अधिक अंक लाने वाले बच्चों की तस्वीर ही क्यों छपेशिक्षक संदीप जोशी ने बताया कि उन्होंने हाल ही एक बदलाव किया है. हम देखते हैं कि अखबारों में अधिक नंबर लाने वाले बच्चों की फोटो-विज्ञापन छपते हैं. इसमें ज्यादा अंक लाने वाले बच्चों के साथ खेल, डांस, हैंड राइटिंग, गायन, चित्रकला आदि के 9 टैलेंट वाले बच्चों के विज्ञापन भी छपवाए.
18 साल में 40 से अधिक किए नवाचार18 साल में कई नवाचार, सरकारों ने भी अपनाएशिक्षक जोशी ने 2017 में नई दिल्ली में एनसीईआरटी, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग, महिला व बाल अधिकारिता मंत्रालय की नेशनल वर्कशॉप में भाग लेते हुए 2 सुझाव दिए थे. इनमें शनिवार को नो बैग डे का सुझाव सरकार ने राजस्थान समेत 20 राज्यों में अपनाया. संदीप ने अपने स्कूल गोदन में स्कूल के बरामदे को भारत दर्शन गलियारा बनाया. इस विचार गहलोत सरकार ने अपनाया. स्कूलों में होने वाले कन्या पूजन के कार्यक्रम भी संदीप जोशी की ही पहल है.
जोशी ने बताया कि मैंने 18 साल से 40 से अधिक नवाचार किए. जिसमें सबसे अहम है, बस्ते के बोझ को हल्का करना है. किताब के ही अलग-अलग हिस्से करने का विचार मन में आया. प्रयोग के तौर पर विभाग के सामने किताब की बाइंडिंग कर पेश की. 2020 में यह विचार पायलट प्रोजेक्ट योजना के रूप में प्राथमिक स्तर पर लागू कर दिया गया.
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FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 16:55 IST