हजारों डॉक्टर्स ने ओपीडी सर्विस का किया बहिष्कार, मुसीबत झेलते रहे मरीज

रिपोर्ट- शक्ति सिंह
कोटा: कोलकाता की महिला रेजिडेंट डॉक्टर से रेप व हत्या की घटना के विरोध में डॉक्टर्स ने आंदोलन तेज कर दिया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर आज सुबह कोटा में भी ओपीडी का काम 6 बजे से 24 घंटे का कार्य बहिष्कार रखा है. कोटा में भी निजी और सरकारी हॉस्पिटल में 24 घंटे के लिए ओपीडी बंद है. सरकारी हॉस्पिटल में केवल इमरजेंसी चालू है. यहां सीनियर डॉक्टर, यूनिट हेड ने मोर्चा संभाला है.
मरीज हो रहे परेशानन्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन काउंटर सुबह से बंद है. मनोहर थाना से इलाज के लिए आए हेमराज ने बताया कि उसके पैर में दिक्कत है. 10 दिन बाद आज दुबारा डॉक्टर को दिखाने आया था. गेट नम्बर 2 पर रजिस्ट्रेशन काउंटर का चैनल गेट लगा हुआ है. 1 घंटे से इंतजार कर रहा हूं. पूछने पर कहा कि गेट नम्बर पर 4 पर जाओ. गेट नम्बर 4 पर गया तो बताया आज छुट्टी है मंगलवार को आना. हेमराज जैसे कई मरीज है जो रूटीन जांच के लिए हॉस्पिटल आए लेकिन निराश वापस लौटे.
इधर आईएनए संगठन से जुड़े निजी हॉस्पिटल में भी ओपीडी बंद है. हॉस्पिटल प्रबंधन ने गेट के बाहर 24 घंटे कार्य बहिष्कार का नोटिस चस्पा कर रखा है. निजी हॉस्पिटल में जाने वाले मरीज भी निराश होकर वापस लौट रहे हैं.
हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ आरपी मीणा ने बताया कि आईएमए, अरिसदा, रेजिडेंट, आरएमसीटीए संगठन ने 24 घंटे शट डाउन रखा है. इसके चलते हॉस्पिटल में रूटीन सेवाओं का बहिष्कार किया है. मैन पावर की कमी के चलते गेट नम्बर 4 पर केवल इमरजेंसी सेवा चालू रखी है. इमरजेंसी ड्यूटी के लिए सीनियर डॉक्टर, यूनिट हेड, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर सभी ब्रांचों के डॉक्टर्स जिम्मेदारी दी है. इमरजेंसी में जिसकी जान बचना जरूरी होगा उसी का ऑपरेशन किया जाएगा बाकी रूटीन ऑपरेशन बंद है.
कोटा सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिवडा दुर्गा शंकर सैनी ने बताया कीकोटा जिले की समस्त पीएचसी 43, सीएचसी 15, यूपीएचसी 23, सिटी डिस्पेंसरी सहित जिला अस्पताल ईएसआई हॉस्पिटल एमबीएस न्यू मेडिकल कॉलेज सेटेलाइट हॉस्पिटल रामपुरा जेके लोन हॉस्पिटल शहरी डिस्पेंसरी में सामान्य ओपीडी/आउटडोर सेवाओं का बहिष्कार किया केवल आपातकालीन सेवाए जारी रखी गई.
कोटा सेवारत चिकित्सक संघ के महासचिव डॉ राजेश सामर ने बताया कि राजस्थान में 15,000 चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया जिससे राज्य में 813 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 2485 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 49 जिला अस्पताल 71 उप जिला अस्पताल एवं 16 सैटेलाइट अस्पताल में ओपीडी सेवाएं पूर्ण रूप से बंद रखकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया सिर्फ इमरजेंसी सेवई जारी रखी. सरकार से मांग की ममता सरकार बर्खास्त हो.
कोटा जिला अध्यक्ष डॉ अमित गोयल ने बताया जब तक बेटी को न्याय नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा. कोटा में लगभग 300 से अधिक सेवारत चिकित्सको ने ओपीडी सेवाएं का पूर्ण बहिष्कार किया.
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FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 18:40 IST